PATNA (AJEET KUMAR) । राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, पटना के प्रथम दीक्षांत समारोह में शामिल हुए। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि यहां आकर मुझे काफी खुशी हो रही है। आज का दिन आप सबके लिए बहुत खुशी का दिन है। आज एम्स पटना का पहला दीक्षांत समारोह है।
राष्ट्रपति ने कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि आज डॉक्टरेट की उपाधि पानेवालों में 55 प्रतिशत से अधिक लड़कियां हैं। मैं उन सभी लड़कियों को इसके लिए बधाई देती हूं। माता-पिता और डॉक्टर भगवान के रूप होते हैं, इसलिए डॉक्टर सेवा भाव से कार्य करें। आपको एम्स जैसे संस्थान से उपाधि प्राप्त करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। हम सब जानते हैं कि पहले भारत में एक ही एम्स संस्थान था। यह संस्थान अत्यंत सक्षम डॉक्टर तैयार कर रहा है। यहां से उपाधि प्राप्त कर देशवासियों को स्वस्थ रखने की आपके ऊपर बड़ी जिम्मेदारी है। पिछले कुछ वर्षों में कई मेडिकल कॉलेज और अस्पताल बनाये गये हैं, जिससे लोगों को बहुत सहूलियत मिल रही है।
दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने कहा कि एम्स पटना के प्रथम दीक्षांत समारोह में आना हम सब का सौभाग्य है। माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का यहां आना हम सबके लिए लाभदायक है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार को बहुत सारी सुविधाएं दी है और बहुत सारी घोषणाएं की है। आज का दिन हम सब के लिए शुभदिन है। शिक्षा निरंतर चलती रहती है। इस शिक्षा के द्वारा समाज में सेवा कैसी करनी है, यह आपके काम से आपकी पहचान होनी चाहिए। आपके काम देखकर लोगों को पता लग जाना चाहिए कि आप एम्स जैसे संस्थान से पढ़ाई किए हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि इस विशेष मौके पर जिन छात्र-छात्राओं ने उपाधि और गोल्ड मेडल प्राप्त किये हैं, उन्हें मैं शुभकामनाएं देता हूं। यह आपके लिए गौरवपूर्ण क्षण है। आपने कठिन परिश्रम और अध्ययन के बाद यह उपलब्धि हासिल की है। वर्ष 2003 में श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में जब मैं मंत्री था, उस समय दिल्ली एम्स की तर्ज पर देश में तीन नये एम्स के निर्माण की स्वीकृति दी गयी। तीन नये एम्स में से एक एम्स पटना में बनना तय किया गया था। एम्स के निर्माण के समय मैं हमेशा आकर एक-एक चीज को देखता था। वर्ष 2005 में जब मैं मुख्यमंत्री बना तो हमने कहा कि एम्स का निर्माण तेजी से हो। एम्स के लिए स्थल का चयन हमने ही किया था।
उन्होंने कहा कि यहां पर पशु एवं मत्स्य संसाधन तथा जल संसाधन विभाग की जमीन थी। दोनों विभागों की 102 एकड़ जमीन को हमने एम्स निर्माण के लिए उपलब्ध करायी। नई टेक्नोलॉजी के आने से आज कल पुरानी चीजें लोग याद नहीं रखते हैं। तत्कालीन केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद से हमने अपील की थी कि एम्स का निर्माण तेजी से कराइये. 25 सितम्बर 2012 को पटना एम्स का उद्घाटन किया गया. उद्घाटन समारोह में मैं भी शामिल था। उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 से एम्स की शुरूआत हो गयी। यहां पर 960 बेड उपलब्ध हैं। सभी प्रकार की सर्जरी एवं अन्य जटिल रोगों का इलाज बेहतर ढंग से होता है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कोरोना के समय पूरे बिहार में सबसे बढ़िया इलाज पटना एम्स में ही हो रहा था। एम्स की मांग पर हमलोगों ने 330 करोड़ रुपये की राशि से 27 एकड़ जमीन एम्स को और उपलब्ध करा रहे हैं। एम्स के बगल में ही मरीजों के परिजनों को ठहरने के लिए 248 बेड का धर्मशाला का निर्माण जल्द पूरा होगा, ताकि मरीजों के परिजनों को किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं हो। पटना एम्स पहुंचने में किसी को दिक्कत नहीं हो, इसके लिए हमने एलिवेटेड सड़क बनवाई। यहां आने में किसी को कोई परेशानी नहीं हो, इसको लेकर सभी तरह की व्यवस्था की जा रही है। पटना एम्स को आगे जो भी जरूरत होगी, राज्य सरकार उसमें सहयोग करेगी। कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति, राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री को एम्स के अध्यक्ष प्रो० (डॉ०) सुब्रत सिन्हा ने प्रतीक चिह्न एवं अंगवस्त्र भेंटकर सम्मानित किया।
कार्यक्रम को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ भारती प्रवीण पवार, एम्स के अध्यक्ष प्रो (डॉ) सुब्रत सिन्हा, कार्यपालक निदेशक प्रो (डॉ) गोपाल कृष्ण पाल ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर सांसद रामकृपाल यादव, सांसद छेदी पासवान, विधायक गोपाल रविदास सहित अन्य जन प्रतिनिधि, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत सहित अन्य चिकित्सक, विशिष्ट अतिथि एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।