JAMUI (MR) : डॉ इबरार आलम बड़ा नाम है। लोगों के दुखों के सामने लाखों की नौकरी इन्हें छोटी लगी। इस बार बिहार पंचायत चुनाव में खड़ा हुए और जीत गए। बानपुर के लोगों ने वोट के रूप में सारा स्नेह उड़ेल दिया। आज डॉक्टर साहब गांव की सरकार में मुखिया जी हो गए हैं।
दरअसल, जमुई के खैरा प्रखंड में 20 में से 13 पंचायतों में नए मुखिया चुने गए और सात पुराने मुखिया ने जीत दर्ज की। वहीं, इस चुनाव में सबसे चर्चित चेहरा बानपुर पंचायत से मुखिया प्रत्याशी डॉक्टर इबरार आलम रहे। उन्होंने पहली बार मुखिया का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। कोरोना के समय कोलकाता से आए अपने गांव खैरा बानपुर में पहले तो कोरोना में अपने गांव वालों की सेवा की। फिर उन्होंने पहली बार मुखिया का चुनाव लड़ा। जनता ने उन्हें वोट देकर डॉक्टर से मुखिया बना दिया।
1998 में एमडी मेडिसिन की डिग्री लेकर कोलकाता के प्राइवेट हॉस्पिटल में अपनी सेवा दे रहे थे। लेकिन, कोरोना के समय में लगे लॉकडाउन के कारण वह अपने घर चले आए। फिर गांव में ही सभी को उचित स्वास्थ्य सेवा देने लगे। इससे खैरा प्रखंड में चर्चित हो गए। उनकी प्रारंभिक पढ़ाई खैरा गांव से ही हुई है। हायर एजुकेशन की डिग्री जिला मुख्यालय से ली। आगे की पढ़ाई के लिए विदेश चले गए। उन्होंने मेडिसीन में एमडी की पढ़ाई यूक्रेन से की।
एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी होने के बाद इबरार कोलकाता में रहकर नौकरी कर रहे थे। उन्हें मुखिया के चुनाव में 1478 वोट मिले। लाखों की नौकरी छोड़ इबरार के मुखिया बनने के पीछे भी रोचक कहानी है। कोरोना की पहली लहर में लॉकडाउन के समय डॉ इबरार अपने गांव आए थे, उन्हें गांव के लोगों के बीच काफी दिन रुकना पड़ा। पंचायत की बदहाल स्थिति उनसे देखी नहीं गयी। लोगों की मदद के लिए वह आगे आए। तब गांव के बुजुर्गों ने कहा- बेटा! यहीं रह जाओ, लोगों की मदद करो’।
गांव के लोगों ने यह भी बताया कि 15 सालों से पुराने मुखिया हैं, लेकिन कोई काम नहीं हो रहा है, उनके आतंक से निजात दिलाओ। इसके बाद डॉ इबरार ने गांवों को समस्याओं से निजात दिलाने का दृढसंकल्प लिया। रिजल्ट लोगों के सामने है। डॉ इबरार कहते हैं, यह पंचायत विकास में इतिहास रचेगी। वह केवल पंचायत ही नहीं, अपने जिले में उचित स्वास्थ्य सेवा के लिए हमेशा उपलब्ध रहेंगे। स्वास्थ्य के साथ-साथ शिक्षा और गरीबी रेखा से जूझ रहे लोगों की पूर्ण रूप से सेवा करेंगे। उन्होंने कहा कि जिले के हर प्रखंड के लोगों को शिक्षित उम्मीदवार का चयन करना चाहिए। अपनी जीत को लेकर उन्होंने बानपुर पंचायत के मतदाताओं को धन्यवाद दिया।