LUCKNOW (MR) : UP Panchayat Election 2021 : बिहार की तरह उत्तर प्रदेश में भी चुनाव की सरगर्मी तेज है। इस साल अप्रैल तक यूपी में पंचायत चुनाव करा लिए जाएंगे। हाईकोर्ट ने साफ कर दिया है कि अब देरी नहीं होनी चाहिए। 30 अप्रैल तक ग्राम प्रधान का चुनाव करा लिये जाएं। राज्य सरकार आरक्षण को लेकर मई में चुनाव कराने का आग्रह किया था, जिसे कोर्ट ने मानने से प्रथमद्रष्टया इनकार कर दिया है। 

हाईकोर्ट से निर्देश मिलने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने अब उसी के हिसाब से शेड्यूल बना रहा है। पंचायत से जुड़े काम को कराने के लिए आयोग ने पुन: संशोधित कार्यक्रम जारी किया है। 23 फरवरी तक मतदाता अपने वोटर आइ कार्ड बनवा सकते हैं। कई जिलों में इस पर काम भी शुरू हो गया है। 24 फरवरी से दो मार्च के बीच दावे आपत्तियां ली जाएंगी और उनका निस्तारण आठ मार्च तक होगा। अंतिम प्रकाशन 15 मार्च को किया जाएगा।

दरअसल, नए परिसीमन की वजह से कुछ ग्राम पंचायतों को नगरीय क्षेत्र में शामिल किया गया है, जिसकी वजह से वैसे पंचायतों के वोटर्स के नाम लिस्ट में नहीं आ सके। ऐसे बचे हुए लोग विशेष पुनरीक्षण में वोटर्स बनाए जाएंगे। इसके बाद वोटर लिस्ट का प्रकाशन 24 फरवरी को होगा। दावे व आपत्तियां 24 फरवरी से दो मार्च तक तथा निस्तारण 3 से 8 मार्च तक किया जाएगा। दावे व आपत्तियों के निस्तारण के बाद इन्हें मूल सूची में स्थान देने के लिए 9 मार्च से 14 मार्च तक का समय निर्धारित किया गया है, इसके बाद अंतिम प्रकाशन 15 मार्च को किया जाएगा।

बता दें कि हाईकोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया है कि प्रदेश में 30 अप्रैल तक पंचायत चुनाव  सम्पन्न करा लें। यह आदेश न्यायमूर्ति एमएन भंडारी एवं न्यायमूर्ति आरआर आग्रवाल की खंडपीठ ने विनोद उपाध्याय की याचिका पर दिया है। कोर्ट ने 30 अप्रैल तक प्रधानी के चुनाव कराने का निर्देश देने के साथ ही मई में ब्लाक प्रमुख का चुनाव कराने को कहा है। कोर्ट ने यूपी सरकार को पंचायत चुनाव के लिए 17 मार्च तक आरक्षण का कार्य पूरा करने के निर्देश दिया है। साथ ही कोर्ट ने प्रधान के चुनाव 30 अप्रैल तक, जिला पंचायत सदस्यों व ब्लॉक प्रमुखों का चुनाव 15 मई तक कराने को कहा है। कोर्ट ने यह भी कहा कि नियमानुसार 13 जनवरी 2021 तक चुनाव करा लिए जाने थे। चुनाव आयोग ने अपने कार्यक्रम में हाईकोर्ट को बताया कि गत 22 जनवरी को पंचायत चुनाव की मतदाता सूची तैयार हो गई है। 28 जनवरी तक परिसीमन का काम भी पूरा कर लिया गया है, लेकिन सीटों का आरक्षण राज्य सरकार को फाइनल करना है। इसी कारण अब तक चुनाव कार्यक्रम जारी नहीं किया जा सका है। आयोग ने बताया कि सभी सीटों का आरक्षण पूरा होने के बाद चुनाव में 45 दिन का समय लगेगा।

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