PATNA (SMR) : बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के दो साल हो गए। 17 वीं विधानसभा में 243 में से करीब 100 विधायक पहली बार निर्वाचित हुए थे। उनमें से कुछ विधायकों से बिहार पॉलिटिक्स पर पैनी नजर बनाए रखने वाले वीरेंद्र यादव ने बात की है। उनके दो वर्ष के अनुभव और अनुभूति को नजदीक से जाना। यहां हम उनके सौजन्य से ‘सियासी गलियारे से’ की सीरीज में प्रकाशित कर रहे हैं… पेश है 18 वीं कड़ी :
किशनगंज जिले के बहादुरगंज से विधायक हैं मो. अनजार नईमी। AIMIM के टिकट पर निर्वाचित हुए थे और बाद में RJD में शामिल हो गये थे। अपने दल बदलने के संबंध में उन्होंने कहा कि एआईएमआईएम के सदस्य के रूप में छोटी पार्टी के सदस्य थे। हमारे सवालों को तरजीह नहीं मिलती थी, इसलिए जनता के व्यापक हित में एक बड़ी पार्टी राजद में शामिल हुए। अब राजद सरकार में शामिल हो गया है, इसलिए अपने क्षेत्र के विकास के लिए बेहतर काम करने का मौका मिलेगा।
वे कहते हैं कि उनका निर्वाचन क्षेत्र कई नदियों की बाढ़ से प्रभावित रहा है। हर साल कई गांव नदियों के कटाव में बह जाते हैं और सैकड़ों परिवार बेघर हो जाते हैं। सरकार उनके पुनर्वास की पर्याप्त व्यवस्था नहीं करती है। इस मुद्दे को सदन में प्रमुखता से उठाते हैं और लेकिन अब तक कोई सार्थक और प्रभावी कदम पुनर्वास के लिए नहीं उठाया गया है।
अपने दो वर्षों के अनुभव के संबंध में उन्होंने कहा कि इस दौरान संसदीय प्रक्रिया के संबंध में बहुत कुछ सीखने और समझने को मिला। विधायी प्रक्रिया के माध्यम से जनहित के मुद्दों को उठाया। कुछ समस्याओं के समाधान की पहल की गयी, लेकिन अधिकतर समस्याएं यथावत बनी रहीं।
अनजार नईमी ने कहा कि महागठबंधन की नयी सरकार में उम्मीद है कि सरकार उनके क्षेत्र की जनसमस्याओं के समाधान का गंभीर प्रयास करेगी।