PATNA (SMR) : बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के दो साल हो गए। 17 वीं विधानसभा में 243 में से करीब 100 विधायक पहली बार निर्वाचित हुए थे। उनमें से कुछ विधायकों से बिहार पॉलिटिक्स पर पैनी नजर बनाए रखने वाले वीरेंद्र यादव ने बात की है। उनके दो वर्ष के अनुभव और अनुभूति को नजदीक से जाना। यहां हम उनके सौजन्य से ‘सियासी गलियारे से’ की सीरीज में प्रकाशित कर रहे हैं… पेश है 17 वीं कड़ी :
रोहतास जिले के सासाराम से राजद के विधायक हैं राजेश कुमार गुप्ता। वे रोनियार वैश्य समाज से आते हैं और अपनी जाति के देश में अकेला विधायक हैं। प्रदेश में 24 वैश्य विधायक हैं और जीत का सबसे अधिक 27 हजार का मार्जिन उनका ही रहा है।
राजेश गुप्ता कहते हैं कि राजद की ओर से उन्हें टिकट मिलने के कारण शाहाबाद की सभी विधान सभा सीटों पर पार्टी को लाभ हुआ। वैश्य समाज का एक बड़ा हिस्सा राजद से जुड़ा और वैश्य वोट पार्टी नेता तेजस्वी यादव के नेतृत्व में राजद को मिला। पार्टी ने एक दर्जन से अधिक वैश्यों को टिकट दिया था और इसका व्यापक असर भी दिखा।
अपने दो वर्षों की संसदीय यात्रा के अनुभव के संबंध में राजेश गुप्ता ने कहा कि विधायक के रूप में अनेक जनप्रतिनिधियों के संपर्क में आये और संसदीय व्यवस्था में कार्य करने का मौका मिला। जनता के लिए काम करने का सबसे बड़ा मंच विधान सभा है और इस मंच का उपयोग जनहित में किया, लेकिन विधान सभा के अंदर विधायकों के साथ पुलिस द्वारा मारपीट दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी। इस घटना के गवाह भी बने और शिकार भी हुए। इस भयावह हादसे का अनुभव डरावना रहा है।
वे कहते हैं कि उनकी पहल से सासाराम में विद्युत शवदाहगृह, ट्रैफिक लाइट और ड्रेनेज की नयी व्यवस्था शुरू हुई है। जलनिकासी की नयी व्यवस्था से जलजमाव से शहर को मुक्ति मिलेगी। उनका अपना कोई राजनीतिक परिवार नहीं रहा है। वे 20 वर्षों से पार्टी से जुड़े रहे हैं। पार्टी ने चुनाव में टिकट दिया और जनता ने विधान सभा के लिए चुना। अब जनता का हित ही सर्वोपरि है।