PATNA (MR) : बिहार में जमीन के मामले में सरकार लगातार पॉजिटिव वर्क कर रही है। जमीन का एक-एक ब्यौरा आपको घर बैठे मिल जाए। कोई ठगी का शिकार न हों। इस मामले में अब बिहार में सरकार ने एक और मजबूत कदम उठाया है। चकबंदी निदेशालय जल्द ही इसे मूर्त रूप देगा. मंगलवार को आयोजित कार्यशाला में इसके ब्लूप्रिंट के बार में जानकारी दी गई। यदि सबकुछ ठीक रहा तो निदेशालय अपनी वेबसाइट पर जमीन से जुड़ी सारी चीजें अपलोड कर देगा। बस क्लिक कीजिए और मालिक के नाम समेत जमीन का हर ब्यौरा देख लीजिए। खरीदार हैं तो पूरी तरह तसल्ली हो जाइए, तब खरीदारी की बात आगे बढ़ाइए।
पटना की कार्यशाला में दी गई जानकारी
दरअसल, मंगलवार को पटना के शास्त्रीनगर स्थित बिहार सर्वे प्रशिक्षण संस्थान में पांच जिलों में काम कर रहे चकबंदी पदाधिकारियों की कार्यशाला लगी थी। इसमें चकबंदी में आधुनिक प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से पारदर्शिता, एकरुपता एवं संपूर्णता सुनिश्चित करने पर विचार किया गया। कार्यशाला में अपर मुख्य सचिव सह निदेशक, चकबंदी के अनुसार, चकबंदी का उद्देश्य जमीन का बेहतर प्रबंधन, भू-विवादों को कम-से-कम करना और सरकारी जमीन की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। यह सारा काम न्यूनतम मानवीय हस्तक्षेप के माध्यम से होगा। सरकार को उम्मीद है कि चकबंदी पूरा होने के बाद उद्योग-धंधों के लिए यह फायदेमंद रहेगा। निवेशकों को आकर्षित करेगा.
जमीन के बारे में मिल जाएगा डिटेल्स
चकबंदी निदेशालय की वेबसाइट को खंगाल कर कोई भी व्यक्ति जमीन मालिक के बारे में जान सकता है। जमीन के रकबा के बारे में पता लगा सकता है। इसी तरह, जमीन की रजिस्ट्री होने पर उसका म्युटेशन भी करा सकता है। भू-अर्जन का आंकड़ा भी इससे आसानी से निकल जाएगा। इसके लिए चकबंदी विभाग फिलहाल भूमि सर्वेक्षण कराने में जुटा हुआ है। सर्वेक्षण के बाद ही चकबंदी शुरू होगी। विभाग की मानें तो भूमि सर्वेक्षण का आउटपुट ही चकबंदी का इनपुट होगा। चकबंदी के बाद संबंधित मौजों में प्लॉटों की संख्या काफी कम हो जाएगी। खतियान भी नया बन जाएगा।
आइए जानें, कैसे होगी चकबंदी
चकबंदी का यह काम एक गांव को कई सेक्टर में बांट कर किया जाता है। भूमि के दाम एवं उसकी भौगोलिक स्थिति के आधार पर सेक्टर का निर्धारण फाइनल होता है। बता दें कि अभी तक अमीन चकबंदी का काम करते थे। वही जमीन का मूल्यांकन करते थे। यह मूल्यांकन फसल के उत्पादन तथा उसके रेट के आधार पर फाइनल होता था। इसमें बहुत तरह की त्रुटियों की शिकायतें आती थीं।
कई अधिनियमों में होगा बदलाव
बताया जाता है कि चकबंदी निदेशालय कई अधिनियमों में बदलाव करने वाला है। कई अधिनियमों के संशोधन प्रस्तावित हैं। चकबंदी अधिनियम की धारा-15 में संशोधन तो तय है। संशोधन का प्रस्ताव कानून विभाग के पास स्वीकृति के लिए भेजा गया है। के पास भेजा गया है। इसके लागू होने के बाद अनुमंडल पदाधिकारी एवं भूमि सुधार उप समाहत्र्ता को चकबन्दी के पश्चात नये बने चकों पर दखल-कब्जा दिलाने के काम में शामिल किया जाएगा।
जन प्रतिनिधि ही होंगे एडवाइजरी कमिटी के पदेन सदस्य
धारा-7 में भी संशोधन का प्रस्ताव है। इसमें गांव में एडवाइजरी कमिटी गठित करने के प्रारूप में संशोधन किया गया है। पहले गांव की एडवाइजरी कमिटी चकबंदी पदाधिकारी गठित करता था। लेकिन संशोधन होने के बाद पंचायतों के चुने हुए जन प्रतिनिधि इसमें पदेन सदस्य होंगे। पंचायत जनप्रतिनिधियों में मुखिया, वार्ड सदस्य, सरपंच, पंच, पंचायत समिति सदस्य शामिल हो सकते हैं। बता दें कि एडवाइजरी कमिटी चकबंदी में सरकार को जरूरी सलाह देती है।