PATNA (MR) : माघी पूर्णिमा पर शनिवार को सुबह से ही गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी थी। श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई और मंदिरों में पूजा-अर्चनी की। जरूरतमंदों को दान भी दिए गए। श्रद्धालुओं ने गंगा नदी समेत पवित्र नदियों व तालाबों में स्नान करने के दौरान हर-हर गंगे के जयकारे लगाते रहे। पंडितों के अनुसार माघी पूर्णिमा सूर्योदय से दोपहर दोपहर 2.04 बजे तक था।
इसे लेकर पटना में ही नहीं, भागलपुर, कहलगांव, मुंगेर, बक्सर, सिमरिया, बेगूसराय आदि इलाकों में गंगातटों पर भीड़ लगी रही। जिन जिलों में गंगा नहीं हैं, वहां अन्य पवित्र नदियों में लोग स्नान को जुटे. बड़े बुजुर्ग ही नहीं, महिलाएं व बच्चे भी घाटों पर स्नान को पहुंचे थे। उधर, पटना में माघी पूर्णिमा पर दरभंगा हाऊस काली मंदिर, गांधी घाट, भद्र घाट, महावीर व दीघा घाट समेत अनेक घाटों पर स्नान को लोग उमड़े।
विष्णु पुराण में भगवान विष्णु ने माघ मास को सबसे उत्तम माना है। कहा गया है कि जो लोग पूरे माह गंगा नदी में स्नान नहीं कर पाते हैं, वे माघी पूर्णिमा के दिन स्नान कर पुण्य प्राप्त करते हैं। ज्योतिष के अनुसार, माघी पूर्णिमा पर इस बार मघा नक्षत्र व सुकर्मा योग का संयोग बना हुआ था। ऐसे में गंगा स्नान को शुभ माना गया है। गंगा स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने घरों में भी भगवान की पूजा-अर्चना की।