PATNA (MR) : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज मंगलवार को जल-जीवन-हरियाली अभियान की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सूबे के जल-जीवन-हरियाली अभियान की विश्व स्तर पर प्रशंसा हो रही है। सूबे का हरित आवरण 15 परसेंट से अधिक हो चुका है, जो राज्य के बंटवारे के बाद मात्र 09 परसेंट ही रह गया था। हरित आवरण को 17 परसेंट तक करने का लक्ष्य है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि जलवायु के अनुकूल कृषि तथा जैविक खेती करने के लिए किसानों को प्रेरित करें। फसल अवशेष को लेकर उन्हें जागरुक करें।
सार्वजनिक चापाकल हर हाल में फंक्शनल रहे
मुख्यमंत्री ने किसानों से फिर से आग्रह किया कि वे फसल अवशेष को बिल्कुल नहीं जलाएं। वहीं, उन्होंने अधिकारियों को भी चेताया। कहा कि गांव हो या शहर, सार्वजनिक चापाकल हर हाल में फंक्शनल रहे। खराब की शिकायत नहीं मिलनी चाहिए। अन्यथा कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि राज्य में विकास के कई कार्यों के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के लिए भी कई कदम उठाए गए हैं। पूरे मनोयोग से इस अभियान के तहत लक्षित किए गए कार्यों को पूर्ण करें। साथ ही जीर्णोद्धार कराए गए कुओं एवं चापाकलों के किनारे सोख्ता का निर्माण जरूर कराएं। अतिक्रमण मुक्त कराए गए जल संचयन क्षेत्रों के किनारे बसे गरीब लोगों के पुनर्वास हेतु कार्रवाई करें। उन्होंने यह भी कहा कि सौर ऊर्जा के उपयोग एवं उसके उत्पादन तथा ऊर्जा की बचत के लिए लोगों को प्रेरित करें।
बैठक में दिखाया गया प्रजेंटेंशन
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों की समीक्षा के दौरान ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। जल-जीवन-हरियाली अभियान के मिशन निदेशक राजीव रौशन ने प्रजेंटेशन के माध्यम से प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। जल-जीवन-हरियाली अभियान के सभी अवयवों यथा आहर, ईन, तालाब, पोखर, कुओं को चिह्नित कर उन्हें अतिक्रमण मुक्त कराना एवं उनका जीर्णोद्धार कराना, वास भूमि विहिन परिवारों को वास भूमि उपलब्ध कराना, सार्वजनिक कुओं एवं चापाकल के किनारे सोख्ता का निर्माण, छोटी-छोटी नदियों/नालों एवं पहाड़ी क्षेत्रों के जल संग्रहण क्षेत्रों में चेकडैम एवं जल संचयन की संरचना का निर्माण, नए जल स्रोतों का सृजन, गंगा जल उद्वह योजना, भवनों में छत वर्षा जल संचयन की संरचना, पौधशाला एवं सघन पौधारोपण, सौर ऊर्जा का उपयोग एवं ऊर्जा की बचत के लिए प्रोत्साहन के संबंध में किए जा रहे कार्यों की अद्यतन प्रगति की विस्तृत जानकारी दी।
पर्यावरण संरक्षण के लिए उठाए गए कई कदम
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों को जब से बिहार में काम करने का मौका मिला है, राज्य में विकास के कई कार्यों के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के लिए भी कई कदम उठाए गए हैं। पौधारोपण के साथ-साथ जल संरक्षण को लेकर भी कार्य किए जा रहे हैं। वर्ष 2012 में हरियाली मिशन की स्थापना की गई और 24 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया, जिसमें लगभग 22 करोड़ पौधे लगाए गए। अब राज्य का हरित आवरण 15 प्रतिशत से अधिक हो चुका है, हमलोगों ने इसे 17 प्रतिशत से अधिक करने का लक्ष्य रखा है और उसके लिए तेजी से पौधारोपण का कार्य किया जा रहा है। 5 जून 2020 से 9 अगस्त 2020 तक 2 करोड़ 51 लाख पौधा लगाने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन उससे अधिक 3 करोड़ 94 लाख पौधारोपण किया गया। 5 जून 2021 को 5 करोड़ पौधा लगाने के लक्ष्य की शुरुआत की गई है। उन्होंने कहा कि पौधारोपण के बाद उनके रखरखाव पर भी विशेष ध्यान दें।
5.16 करोड़ से अधिक लोगों ने बनाई मानव श्रृंखला
मुख्यमंत्री ने कहा कि 19 जनवरी 2020 को पर्यावरण संरक्षण को लेकर 5 करोड़ 16 लाख से अधिक लोगों ने मानव श्रृंखला बनायी। पर्यावरण संरक्षण को लेकर सभी दलों के विधान पार्षदों एवं विधायकों के साथ वर्ष 2019 में बैठक की गई, जिसमें सर्वसम्मति से निर्णय किया गया कि जल-जीवन-हरियाली अभियान को मिशन मोड में चलाया जाए। जल-जीवन-हरियाली का मतलब है, जल और हरियाली है तभी जीवन सुरक्षित है. चाहे वह जीवन मनुष्य, पशु-पक्षी या किसी अन्य जीव जंतु की हो। जल-जीवन-हरियाली अभियान पर 24 हजार करोड़ रुपये से अधिक खर्च करने का प्रावधान किया गया है, यह बिहार जैसे गरीब राज्यों के लिए बड़ी बात है। बिहार के जल-जीवन-हरियाली अभियान की विश्व स्तर पर प्रशंसा हो रही है। उन्होंने कहा कि बिल गेट्स जब पटना आए थे, उस समय उनसे जल-जीवन-हरियाली अभियान को लेकर चर्चा हुई थी। यहां से जाने के बाद उन्होंने इस अभियान की प्रशंसा की थी। यूनाइटेड नेान में भी बिहार के जल-जीवन-हरियाली अभियान की सराहना हुई थी। निरंतर इस बात का आकलन और समीक्षा करें कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत किए जा रहे कार्य तेजी से पूर्ण हो। उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत लक्षित कार्यों को पूरे मनोयोग से पूर्ण करें।
ये रहे मौजूद
बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार एवं मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह उपस्थित थे, जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, उप मुख्यमंत्री रेणु देवी, संबंधित विभागों के मंत्रीगण, मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण, विकास आयुक्त आमिर सुबहानी, संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव एवं अन्य वरीय पदाधिकारी जुड़े हुए थे।