तेजस्वी बदनाम हुआ लौंडा तेरे लिए, सम्राट चौधरी ने चुन-चुन कर खूब सुनाया; क्रिकेट लाइफ में महज 37 रन ?

PATNA (ASHOK MISHRA) : बिहार में भोजपुरी के सेक्सपियर कहे जाने वाले भिखारी ठाकुर के लौंडा नाच को केवल बिहार ही नहीं, बल्कि समूचे भोजपुरिया क्षेत्र में विशेष पहचान दिलाने बाले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री राजद सुप्रीमो लालू यादव के बेटे और बिहार विधानसभा में विरोधी दल के नेता तेजस्वी यादव के लिए अब भारी पड़ रहा है। हालांकि बिहार के पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के पूर्वी इलाकों में शादी-विवाह के अवसर पर लौंडा का नाच अति आवश्यक है। दूसरी ओर यूपी में लौंडा का मतलब युवा समझा जाता है, जबकि बिहार में लौंडा शब्द और नाच की अभी भी मान्यता नहीं मिली है। यह अपभ्रंश शब्द नहीं है, तभी तो बिहार विधानसभा में आज 6 मार्च (गुरुवार) को बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने लालू-राबड़ी राज्य में कोई काम नहीं होने और केवल लौंडा नाच होने का आरोप लगाया।

दरअसल, बिहार बजट पर सरकार की ओर से अपनी बात रखने के लिए उठे सम्राट चौधरी आज पूरे मूड में थे। यही वजह रही कि मंगलवार को तेजस्वी यादव के शब्दों के तीर से घायल सम्राट आज पूरी तरह से बदला लेने के मूड में थे। शायद इसी कारण बजट पर बोलते हुए सम्राट चौधरी ने लालू यादव और उनके परिवार पर जमकर हमला बोला। राज्यपाल के अभिभाषण को लेकर तेजस्वी यादव के द्वारा सीएम नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी पर किए गए व्यक्तिगत हमले से वे काफी आहत दिखे। आज सम्राट पूरी तरह बदला लेने के मूड में थे। उन्होंने 2005 के पहले बिहार की तस्वीर पेश करते हुए तेजस्वी के दावे को पूरी तरह से झूठा करार देते हुए खारिज किया और दावा किया कि लालू राज में विकास का कोई काम नहीं हुआ। लालू ने केवल लौंडा का नाच करवाया।

सम्राट चौधरी ने लालू के सामाजिक न्याय को हास्यास्पद बताया और कहा कि लालू को जब अपने कोटे से किसी पिछड़े और दलित को डॉक्टर बनाने का मौका था तो उन्होंने अपनी बेटी को बनाया। खिलाड़ी में अपने बेटे को। सम्राट ने तेजस्वी की खिल्ली उड़ाते हुए उन्हें नौवीं फैल बतलाया। साथ ही दावा किया कि उन्होंने क्रिकेट में केवल खिलाड़ियों को पानी पिलाने का काम किया और पूरे क्रिकेट जीवन में केवल 37 रन बनाया। यानी तेजस्वी शिक्षा और खेल दोनों में फेल रहे। सम्राट यही नहीं रुके। उन्होंने कहा कि कभी लालू यादव कहते थे कि अब रानी के पेट से राजा पैदा नहीं होगा, लेकिन उन्होंने पहले रानी बनाया यानी राबड़ी देवी को सीएम बनाया। फिर राजकुमार पैदा किया यानी तेजस्वी को राजकुमार बतलाया। लेकिन सम्राट ने यह भी दावा किया कि बिहार की जनता सब समझ रही है और किसी भी कीमत पर तेजस्वी को राजा बनने नहीं देगी।

सम्राट चौधरी ने दो टुक सुनाते हुए कहा कि जिस समय वह अंतिम चुनाव जीतकर राजद से आए तो उस समय लालू परिवार का कोई सदस्य चुनाव जीत कर नहीं आया। यानी मैं लालू की बदौलत नहीं, बल्कि अपनी बदौलत चुनाव जीत कर आया था। सम्राट ने एक-एक उदाहरण के द्वारा जिस तरह से लालू और तेजस्वी पर हमला किया, उससे साफ जाहिर था कि आनेवाले विधानसभा चुनाव की पटकथा लिखी जा चुकी है और एनडीए की मंशा साफ है कि एक बार फिर लालू राज के कारनामे को जनता के बीच ले जाया या जाय, ताकि तेजस्वी बैकफुट पर दिखे।

बहरहाल, नीतीश की बिसात पर तेजस्वी यादव खुद फंसते नजर आ रहे हैं। अगर मंगलवार को वह 2005 के पहले की उपलब्धियों और सम्राट को नहीं छेड़ते तो शायद आज सम्राट चौधरी को अकेले बैटिंग करने का मौका नहीं मिलता। इतना ही नहीं, आज सदन में तेजस्वी की अनुपस्थिति और विपक्ष के वॉक आउट ने एक तरह से उपमुख्यमंत्री के लिए पूरा मैदान खाली कर दिया और सम्राट चौधरी ‘लौंडा’ को बदनाम करके बगैर किसी विरोध के निकल गए। अब देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में तेजस्वी कब सम्राट को क्लीन बोल्ड कर पाते हैं?
(लेखक बिहार के वरीय पत्रकार हैं और इसमें उनके निजी विचार हैं)

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