Bihar MLA Election 2025 : जमालपुर विधानसभा क्षेत्र, जदयू की आपसी खींचतान में चिराग की पार्टी की कितनी गुंजाइश

Rajesh Thakur l Patna : बिहार में 243 विधानसभा क्षेत्रों में से एक है जमालपुर विधानसभा क्षेत्र। यह क्षेत्र मुंगेर जिले की राजनीति का अहम केंद्र माना जाता है। यहां से महागठबंधन की ओर से कांग्रेस के सीटिंग एमएलए अजय कुमार सिंह को फिर से टिकट मिलना तय है। लेकिन, एनडीए खेमे में ‘खींचतान’ मची हुई है। किन्हें टिकट मिलेगा, अभी से कहना मुश्किल है। वहीं, चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (रामविलास) से पूर्व प्रत्याशी व वर्तमान जिला पार्षद दुर्गेश सिंह लगातार क्षेत्र भ्रमण कर रहे हैं। सियासी सूत्रों की मानें तो जदयू से टिकट के प्रबल उम्मीदवार नचिकेता मंडल भी हैं और वे भी लगातार क्षेत्र में पसीना बहा रहे हैं। हालांकि टिकट की दावेदारी से इनकार करते हुए नचिकेता मंडल ने ‘मुखियाजी डॉट कॉम’ को बताया कि टिकट जिन्हें भी मिले, जीत एनडीए की ही होगी। वहीं 4 टर्म रहने वाले जदयू विधायक व पूर्व मंत्री शैलेश कुमार भी क्षेत्र में खूब घूम रहे हैं। बता दें कि 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में शैलेश कुमार की हार हुई थी।

2025 के चुनाव में जमालपुर विधानसभा क्षेत्र में क्या होगा, यह अहम सवाल है। यह विधानसभा क्षेत्र में जमालपुर, धरहरा और हवेली खड़गपुर (उत्तरी भाग) प्रखंड से मिलकर बना है। यहां यादव, कुर्मी और धानुक जाति के वोटर्स ज्यादा हैं। पासवान वोटर्स की भी संख्या ठीकठाक है। वहीं सवर्णों में भूमिहार और राजपूत वोटर्स की भी अच्छी खासी संख्या है। यहां रोजगार, कृषि, सिंचाई और विकास के मुद्दे प्रमुख हैं। यह तो हुई वोटर्स की बात। जहां तक सियासी तस्वीर की बात है तो फिलहाल जमालपुर विधानसभा क्षेत्र में एनडीए की तस्वीर महागठबंधन की तरह साफ नहीं है। इसके पीछे जदयू की आपसी खींचतान के साथ स्थानीय समीकरण मुख्य वजह है। दरअसल, 2005 से ही जदयू का इस सीट पर कब्जा था। लेकिन, 2020 में शैलेश कुमार को यहां सफलता नहीं मिली। उन्हें कांग्रेस उम्मीदवार अजय सिंह ने लगभग साढ़े चार हजार वोटों से पराजित किया। इस हार पर मुंगेर के जदयू जिला अध्यक्ष नचिकेता मंडल कहते हैं कि यह जदयू की हार नहीं थी, बल्कि उम्मीदवार की व्यक्तिगत हार थी।

सियासी पंडितों की मानें तो 2020 का विधानसभा चुनाव हो या 2024 का लोकसभा चुनाव हो, जदयू में खींचतान साफ दिख रही थी और इसका असर 2025 के चुनाव में दिखे तो कोई आश्चर्य नहीं। चूंकि यह सीट एनडीए के घटक दल जदयू की है, इसलिए यह भी तय है कि यहां से टिकट जदयू को ही मिलेगा। हाँ, अंतिम समय में एनडीए में कोई बड़ा फैसला हो, तभी सीट में फेरबदल हो सकती है। जहां तक जदयू में उम्मीदवारी की बात है तो टिकट के निर्णय में मुंगेर के स्थानीय सांसद ललन सिंह का अहम रोल है। उनके बिना जमालपुर क्या, मुंगेर जिले के किसी भी विधानसभा क्षेत्र में पार्टी के अंदर पत्ता नहीं डोलेगा। सियासी पंडितों का यह भी कहना है कि सांसद ललन सिंह और शैलेश कुमार में सियासी संबंध कुछ ठीक नहीं है। ऐसे में गारंटी के साथ नहीं कहा जा सकता है कि उन्हें टिकट मिलेगा ही। यही स्थिति वोटरों के साथ ही सियासी पंडितों के बीच भी असमंजस पैदा कर रही है कि जदयू किसे टिकट देगा, शैलेश कुमार को या नचिकेता मंडल को। नचिकेता मंडल मुंगेर के पूर्व सांसद ब्रह्मानंद मंडल के पुत्र हैं और राजनीति में काफी एक्टिव हैं।

एनडीए के ही घटक दल में शामिल चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (रामविलास)। जब रामविलास पासवान जिंदा थे, तब से जमालपुर में लोजपा का प्रदर्शन शानदार रहा है। 2015 के चुनाव में तो यह पार्टी दूसरे नंबर पर रही थी। तब इसके उम्मीदवार हिमांशु कुंवर को 51797 वोट मिले थे। इसके पहले 2010 के चुनाव में भी लोजपा दूसरे नंबर पर रही थी। तब इसके उम्मीदवार साधना देवी को 27195 वोट मिले थे। इतना ही नहीं, 2020 के चुनाव में भी लोजपा का शानदार प्रदर्शन रहा। हालांकि, 2020 के चुनाव में राष्ट्रीय स्तर का कोई भी नेता प्रचार करने के लिए नहीं आया था। दुर्गेश सिंह अपने दम पर 17 हजार से अधिक वोट आया था। वे वर्तमान में जिला पार्षद हैं और टिकट की ही उम्मीद से एक बार फिर गांव-गांव का भ्रमण कर रहे हैं। उनका जिला परिषद क्षेत्र जमालपुर विधानसभा के अंतर्गत आता है। वे कहते हैं कि टिकट मिला तो महागठबंधन से 2020 का जोरदार बदला लिया जाएगा।

बहरहाल, जदयू की आपसी खींचतान में किसकी झोली में जमालपुर विधानसभा क्षेत्र जाएगा, इसका खुलासा चुनाव आयोग की ओर से जारी अधिसूचना के बाद ही क्लियर हो पाएगा। सूत्रों की मानें तो लोजपा के अलावा भाजपा भी इस पर नजर गड़ाए हुए है। भाजपा से मुंगेर के पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष रविंद्र सिंह कल्लू भी लगे हुए हैं। इतना ही नहीं, उनकी पत्नी निर्मला सिंह भी मुंगेर से जिला परिषद की अध्यक्ष रह चुकी हैं। खास बात कि दोनों ही पति-पत्नी खड़गपुर उत्तरी क्षेत्र से जिला पार्षद रहे हैं और क्षेत्र अब पूरी तरह जमालपुर विधानसभा क्षेत्र में पड़ता है। कल्लू अभी जमुई लोकसभा क्षेत्र के भाजपा प्रभारी हैं। हालांकि, जमालपुर से भाजपा को टिकट मिलना दूर की कौड़ी के समान है और इस पर अंतिम निर्णय मुंगेर के जदयू सांसद केंद्रीय मंत्री ललन सिंह का ही होगा। ऐसे में बेशक कहा जा सकता है कि यदि एनडीए के घटक दलों में सही से तालमेल नहीं बैठा तो यह सीट महागठबंधन के लिए राह आसान हो जाएगी। 2020 के चुनाव में जदयू महज 4432 वोटों से हारा था, जबकि लोजपा को उससे चौगुना-पांच गुना वोट ज्यादा आया था। इन सबके बीच प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज से अंजलि कुमारी, रितुराज बसंत और प्रो राजीव नयन के नाम आ रहे हैं। जनसुराज को भी इग्नोर करना कहीं से भी ठीक नहीं होगा। यह किसी का खेल बिगाड़ सकता है।