
PATNA (MR) : बिहार बजट 2025-26 आज उपमुख्यमंत्री सह वित्त व वाणिज्य कर मंत्री सम्राट चौधरी ने पेश की। इस बजट को पूरा NDA कुनबा प्रशंसा कर रहा है तो विपक्ष इसे बेकार बता रहा है। सबसे खास बात कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने न केवल बजट की प्रशंसा की, बल्कि सदन में ही सम्राट चौधरी की पीठ भी थपथपाई। बिहार की राजनीति पर अपनी पैनी पकड़ रखने वाले वरीय पत्रकार अशोक कुमार मिश्रा ने इसकी सराहना करते हुए उपमुख्यमंत्री की प्रशंसा करते हुए कहा है कि सम्राट चौधरी वजीर नहीं ‘सम्राट’ निकले। उनका यह आलेख उनके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से लिया गया है और इसमें उनके निजी विचार हैं।
चुनावी वर्ष में सोमवार को उपमुख्यमंत्री सह वित्त व वाणिज्य कर मंत्री सम्राट चौधरी ने राज्य का बजट बिहार विधानसभा में पेश किया। जैसी कि उम्मीद की जा रही थी कि चुनावी वर्ष होने के कारण महाराष्ट्र झारखंड और दिल्ली की तर्ज पर नीतीश सरकार भी कैश पेमेंट पर फोकस करेगी और एक ऐसी योजना की घोषणा करेगी, जिसमें लोगों को नगदी रुपये का भुगतान करेगी। उसमें भी जब राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी और बिहार विधानसभा में विरोधी दल के नेता तेजस्वी यादव झारखंड की मैया सम्मान योजना के तर्ज पर बिहार में भी ‘माई बहन योजना’ लागू करने और हर महिला को नगद 2500 रुपये हर माह देने का ऐलान किया था। ऐसी उम्मीद की जा रही थी कि तेजस्वी के इस ऐलान को कुंद करने के लिए नीतीश कुमार अपना खजाना महिलाओं के लिए खोल देंगे, लेकिन नीतीश इस मामले में कंजूस दिखे। इसके बावजूद नीतीश सरकार ने आधी आबादी को रिझाने और अपना वोट बैंक मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। आधी आबादी को रिझाने के लिए बजट में सबसे ज्यादा घोषणाएं ही नहीं की, बल्कि योजना चलाने का दावा भी किया गया है। इसमें दिल्ली की केजरीवाल सरकार के तर्ज पर बिहार में महिलाओं के लिए अलग बसें चलेंगी, जिसमें यात्री के साथ-साथ ड्राइवर और कंडक्टर भी महिलाएं ही रहेंगी।

इतना ही नहीं, महिलाओं के लिए जिम भी खोले जाएंगे जिसमें ट्रेनर भी महिलाएं होंगी। इसके अलावा राज्य के प्रत्येक पंचायत में कन्या विवाह के लिए कन्या विवाह मंडप, पटना में महिला हाट, महिला रोजगार बढ़ावा के लिए ई-रिक्शा एवं दोपहिया वाहन खरीदने के लिए अनुदान, महिला सिपाहियों के लिए थाना के बगल में आवास एवं अन्य कर्मचारियों के लिए छात्रावास योजना शुरू करने का ऐलान किया गया। इसके अलावा पिछड़ा, अतिपिछड़ा एवं दलित छात्रों के लिए अनुदान की राशि 1000 से बढ़ा कर दोगुनी कर दी गयी, जिसमें आधी आबादी यानी छात्राएं भी हैं। इसी तरह, हर शहर में महिलाओं के लिए पिंक शौचालय भी बनाए जाएंगे।
यानी बजट में भले ही छोटी-छोटी राशि खर्च, लेकिन महिलाओं के लिए अलग से प्रावधान कर सम्राट चौधरी ने महिलाओं के प्रति नीतीश प्रेम को आगे बढ़ाया है।
जैसा कि नीतीश कुमार ने बिहार की बागडोर संभालते ही पंचायती राज में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण, फिर बालिका साइकिल एवं पोशाक योजना, छात्रवृति योजना समेत अनेक योजनाएं चलयी, जिसका लाभ उन्हें आज तक मिल रहा है। यानी नीतीश कुमार जानते हैं कि उनका महिला वोट बैंक खुश तो फिर किसी और की जरूरत कहां। यही वजह है कि सम्राट ने बजट में आधी आबादी के लिए पिटारा खोल दिया है।

इसके अलावा बिहार बजट में चुनावी वर्ष होने के चलते हर वर्ग के लोगों के लिए कुछ न कुछ देने की कोशिश की गयी है। सम्राट ने अपने बजट भाषण की शुरुआत मे ही राजद पर निशाना साधा और बिहार का बजट आकार लालू-राबड़ी शासन से करीब 15 गुना ज्यादा बताया। करीब 3 लाख 17 हजार करोड़ रुपये के इस बजट का आकार पिछले साल की तुलना में करीब 38 हजार करोड़ रुपये अधिक है। जिस कृषि बाजार समिति को नीतीश सरकार ने आने के साथ ही समाप्त कर दिया था, उसका उद्धार फिर से करने का ऐलान सरकार ने किया है। साथ ही एमएसपी के तहत अब धान के साथ ही दलहन की खरीद भी सरकार करेगी। सुधा दूध के तर्ज पर ‘तरकारी सुधा आउट लेट’ हर प्रखंड में कोल्ड स्टोरेज समेत अनेक योजना के मार्फत किसानों को रिझाने की कोशिश की गयी है।

शिक्षा के क्षेत्र में राज्य के 358 प्रखंडों में डिग्री कॉलेज की स्थापना पीपीपी मोड में तो स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेगूसराय में कैंसर अस्पताल खोलने और निजी मेडिकल खोलने वाले की जमीन उपलब्ध कराने का भी ऐलान सरकार ने किया है। अब राज्य के किसी कोने से पटना पहुंचने का लक्ष्य 5 घंटे से घटाकर 4 घंटे करने का दावा सम्राट ने किया। लेकिन नीतीश और सम्राट के लिए जो सबसे बड़ी फायदेमंद योजना है कि अब सम्राट चौधरी और नीतीश के क्षेत्र के लोगों को हवाई जहाज पकड़ने के लिए पटना नहीं आना पड़ेगा। राजगीर, सुल्तानगंज और रक्सौल हवाई अड्डे अब राष्ट्रीय स्तर के होंग। वाल्मीकि नगर, भागलपुर पुराना, मुंगेर, मधुबनी, सहरसा, मुजफ्फरपुर में 19 सीटों की क्षमता वाले ही हवाई जहाज चलेंगे, जबकि इस छोटी योजना में भी बिहार के दूसरे उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा एवं विधान सभा में विपक्षी दल के नेता तेजस्वी यादव का क्षेत्र कहीं नहीं है। यानि सम्राट और नीतीश आकाश में उड़ चले तथा विजय और तेजस्वी देखते रह गए। शायद यही वजह रही कि नीतीश ने 20 वर्षों में पहली बार किसी वित्त मंत्री को सदन में गले लगाया और पीठ थपथपायी।

हालांकि जहां तक कैश भुगतान योजना की बात है, तो हो सकता है कि सरकार की ओर से बजट एवं राज्यपाल के अभिभाषण पर अगर नीतीश कुमार सदन में अपने भाषण में कोई घोषणा कर दें तो कोई आशचर्य नहीं। वैसे इस बजट को तेजस्वी ने बोगस करार दिया है। लेकिन जो भी हो, बिना ज्यादा कुछ खर्च किए सम्राट ने आधी आबादी को भरसक रिझाने की कोशिश की है। अब देखना दिलचस्प होगा कि इसका कितना लाभ आगामी विधान सभा चुनाव में एनडीए को।मिलेगा। फिलहाल कह सकते हैं कि सम्राट चौधरी वजीर नहीं, ‘सम्राट’ निकले।
