बिहार के मिथिला को पछाड़ दिया आंध्र प्रदेश ने, दामाद की कर दी ऐसी खातिरदारी; बाप रे बाप इतना व्यंजन

PATNA (FEATURE DESK) :
मिथिला में दामाद के देखु खातिरदारी
लागल छै भोजनक कटोरा-थाली… !

बिहार का मिथिला इलाका अतिथियों को बढ़-चढ़ कर सेवा करने में आगे रहता है। अतिथि को देवता मानता है। वैसे तो अपना देश भारत ‘अतिथि देवो’ की राह पर चलता है और मिथिला इस मामले में कभी पीछे नहीं रहा है। मिथिला वाले दामाद को भगवान श्रीराम मानते हैं, इसलिए वहां दामाद को 56 प्रकार के भोग खिलाने की परंपरा है। लेकिन, आंध्र प्रदेश में मकर संक्रांति पर रोचक खबर सामने आ रही है। वहां मकर संक्रांति पर 56 की जगह 156, 256, 356 और 456 ही नहीं, उससे भी अधिक संख्या में व्यंजन परोसकर रिकॉर्ड ही बना दिया।

पहले बिहार की बात : सबसे पहले हम मिथिलांचल की बात करते हैं। बिहार के सीतामढ़ी, मधुबनी, अररिया, सहरसा, खगड़िया और आसपास के इलाके को मिथिलांचल कहा जाता है। यहां की अपनी संस्कृति है। दरअसल, मिथिलांचल की ससुरालों में दामाद की बहुत इज्जत होती है। खातिर भाव भी खूब होता है। इस क्षेत्र में दामाद को 56 भोग खिलाने की परंपरा है। इसी परंपरा के तहत राजा राम को भी विशेष अवसर पर 56 भोग खिलाया जाता है। पूरे मिथिला क्षेत्र में श्रीराम का दौर को पहुना बोला जाता है। अभी सोशल मीडिया का जमाना है। यहाँ आपको कई तस्वीरें देखने को मिलेंगी, जिसमें दामाद के आगे 56 प्रकार के व्यंजन खाने के परोसे दिखाई देते हैं। मिथिला में 56 भोग का वास्तविक स्वरूप दामाद के भोजन के दौरान ही दिखता है।

56 भोग लगाने की परंपरा : मिथिला में महिलाएं भोग लगाते समय खूब गाली सुनाती हैं। भगवान राम को गंवार तक बोलती हैं। लेकिन वहां की प्रमुख गाली में राम के लिए भाव है कि हम आपको 56 भोग की थाल लगाए हैं। गीत के जरिए गाली दी जाती है, जिसका भाव होता है- खाने को इतना आइटम दे रहे हैं, पुष्प जैसा भात है। स्वर्ण जैसी अरहर की दाल है, ऊपर से घी है। आपको देखते ही जिया चटचटा जाना चाहिए, लेकिन आप खाना ही नहीं जानते हैं। इतना ही नहीं, यह प्रचलन दिवाली और अन्नकूट में भी देखने को मिलता है। जमाई की थाली मान लोग भगवान श्री राम को 56 प्रकार के व्यंजनों से पूजा होती है।

अब आंध्र प्रदेश की बात : राज्य के यानम में बिजनेसमैन सत्य भास्कर ने मकर संक्रांति के अवसर पर अपने दामाद का स्वागत बेहद खास तरीके से किया। इस खास मौके पर उन्होंने 465 शाकाहारी व्यंजन तैयार कर अपने परिवार के साथ दामाद का स्वागत किया। बता दें सत्य भास्कर यानम के प्रमुख व्यवसायियों में से एक हैं। मकर संक्रांति के पहले दिन ‘भोगी’ को धूमधाम से मनाया। इसके लिए उन्होंने 200 फीट लंबी उपलों की माला तैयार की और उसे आग में जलाकर इन व्यंजनों को पकाया। इस भव्य भोज में मिठाइयां, फल, सूखे मेवे, कोल्ड ड्रिंक सहित सैकड़ों तरह के व्यंजन छोटे-छोटे कपों में केले के पत्तों पर सजे हुए थे, जिन्हें दामाद और बेटी के सामने परोसा गया। यह भोज पूरी तरह से शाकाहारी था और इसे बहुत सुंदरता से सजाया गया था। सत्य भास्कर की बेटी हरिण्या ने पिछले साल साकेत से शादी की थी और इस तरह ससुरालवालों ने मकर संक्रांति के खास अवसर पर इस भव्य भोज के जरिए दामाद का स्वागत किया।