KISHANGANJ (MR) : किशनगंज में एक जगह है पौआखाली। अब तक ग्राम पंचायत था. अब नगर पंचायत बन गया। नीतीश कैबिनेट की स्वीकृति मिलते ही यहां के लोगों की उम्मीदें जग गई हैं। विकास की सीढ़ी पर यह एक मजबूत कदम है। हालांकि, वर्षों से स्थानीय लोग पौआखाली को प्रखंड बनाने की मांग कर रहे थे। वे लोग भी खुश हैं कि जब नगर पंचायत बन गया तो प्रखंड भी बन जाएगा। इस तरह, नेपाल बॉर्डर से सटे ठाकुरगंज प्रखंड का पौआखाली पंचायत को नगर पंचायत बनाए जाने के नीतीश सरकार के फैसले से इलाके के विकास को बल मिलेगा। पॉलिटिकल एक्टिविटीज भी बढ़ेगी। इस तरह, ठाकुरगंज के बाद दूसरा नगर पंचायत पौआखाली होगा।
2011 की जनंसख्या के अनुसार पौआखाली पंचायत की जनसंख्या 12,327 थी, जबकि नगर पंचायत के लिए तय जनसंख्या की मानक सीमा 12 हजार से 40 हजार के बीच है।
पौआखाली की भौगोलक स्थिति भी काफी मजबूत है। बगल से इंडो-नेपाल बॉर्डर रोड गुजर रहा है। एनएच 327 ई भी इसके रेडियस में है। इससे बिजनेस एक्टिविटीज भी बढ़ेगी। अररिया-गलगलिया रेल परियाेजना के पूरा हो जाने के बाद तो शहर में चार चांद लग जाएंगे। खास बात कि पड़ोसी राष्ट्र नेपाल का बॉर्डर सटे होने से पौआखाली बाजार का विकास तेजी से होगा। अंतर्राष्ट्रीय व्यापारिक गतिविधियों की वजह से सरकारी राजस्व में भी इजाफा होगा। लोगों की मानें तो पौआखाली के नगर पंचायत बन जाने से दर्जन भर गांवों का समग्र विकास होगा।
शहरीकरण को बढ़ावा मिलेगा
शहरीकरण को बढ़ावा मिलेगा। संसाधनों व सुविधाओं में भी काफी बदलाव होंगे। नगर पंचायत के रूप में पौआखाली के लिए उत्तर में पांचगाछी, दक्षिण में में खानाबाड़ी, पूरब में कर्राटोली (पैकपाड़ा) और पश्चिम में अलसियाबाड़ी है. 2011 के जनंसख्या के अनुसार पौआखाली पंचायत की जनसंख्या 12,327 थी, जबकि नगर पंचायत के लिए तय जनसंख्या की मानक सीमा 12 हजार से 40 हजार के बीच है। ऐसे में मानक की कसौटी पर पौआखाली खरा उतरा।