सुधा ब्रांड का दूध फिर महंगा, अब 49/- वाले 52/- तो 55/- वाले 57/- रुपये में मिलेगा; आज 22 मई से लागू

PATNA (MR) : बिहार की राजधानी पटना सहित पूरे राज्य में सुधा ब्रांड का दूध महंगा हो गया है। दूध और दुग्ध उत्पादों के लिए मशहूर पटना डेयरी प्रोजेक्ट (वैशाली पाटलिपुत्र दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड, फुलवारीशरीफ) ने सुधा ब्रांड के दूध के साथ ही इससे बने उत्पादों की कीमतों में भी एक बार फिर वृद्धि की घोषणा की है। यह नयी दरें आज 22 मई 2025 से लागू हो गयी हैं।

बिहार में दूध और दही का उपयोग रोजमर्रा की जिंदगी में बड़े पैमाने पर होता है। खासकर ग्रामीण इलाकों में सुधा दूध की मांग हमेशा से अधिक रही है। ऐसे में कीमतों में यह वृद्धि आम उपभोक्ताओं, खासकर मध्यम और निम्न आय वर्ग के परिवारों पर अतिरिक्त बोझ डाल सकती है। नयी कीमतों के अनुसार, सुधा गोल्ड (1000 मि.ली.) अब 65 रुपये में मिलेगा, जो पहले 62 रुपये था, और 500 मि.ली. पैक की कीमत 32 से बढ़कर 33 रुपये हो गयी है। सुधा शक्ति (1000 मि.ली.) की कीमत 55 से बढ़कर 57 रुपये और 500 मि.ली. की कीमत 28 से बढ़कर 29 रुपये कर दी गयी है।

नयी दरें…।

सुधा शक्ति का 6000 मि.ली. पैक अब 336 रुपये में उपलब्ध होगा, जो पहले 324 रुपये था। गाय का दूध (1000 मि.ली.) अब 54 रुपये और 500 मि.ली. पैक 28 रुपये में मिलेगा। सुधा हेल्दी (1000 मि.ली.) की कीमत 49 से बढ़कर 52 रुपये और 500 मि.ली. की कीमत 26 से 27 रुपये हो गयी है। सुधा स्मार्ट और सुधा डिलाइट के विभिन्न पैकों में भी 2 से 4 रुपये की वृद्धि की गई है। पटना डेयरी प्रोजेक्ट ने इस वृद्धि का कारण कच्चे माल और अन्य इनपुट लागतों में असामान्य बढ़ोतरी को बताया है।

गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है, जब सुधा दूध की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। इससे पहले नवंबर 2024 में भी डेयरी ने विभिन्न प्रकार के दूध की कीमतों में 2 से 3 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की थी, जिसका असर बिहार के लाखों उपभोक्ताओं पर पड़ा था। उस समय भी प्रबंधन ने बढ़ती लागत को इसका कारण बताया था। इधर, पटना डेयरी प्रोजेक्ट के प्रबंध निर्देशक रूपेश राज ने कहा कि लागत में वृद्धि के कारण यह कदम उठाना पड़ा। उन्होंने उपभोक्ताओं से सुधा के गुणवत्तापूर्ण और स्वास्थ्यवर्धक उत्पादों का अधिक उपयोग करने की अपील की और विश्वास जताया कि उपभोक्ताओं का सहयोग पूर्व की भांति बना रहेगा। लेकिन, उपभोक्ताओं का एक वर्ग इस बढ़ोतरी से नाखुश है और उनका कहना है कि सरकार को डेयरी उत्पादों की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।