PATNA (MR) : बिहार के पंच-सरपंच संघ ने ग्राम कचहरी सचिव नियोजन प्रक्रिया को लेकर संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी सह नियोजन समिति सचिव पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। कहा है कि कमोबेश राज्य के सभी 534 प्रखंडों में नियोजन प्रक्रिया में घोर अनियमितता बरती जा रही है। संघ ने यह भी कहा है कि इस तरह की सूचना लगभग सभी प्रखंडों से मिल रही है। विभिन्न पंचायतों से मिल रही शिकायतों के आधार पर पंच-सरपंच संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमोद कुमार निराला ने पंचायती राज विभाग के सचिव को पत्र देकर इसकी जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

पंच-सरपंच संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमोद कुमार निराला ने बताया कि देश का एकमात्र राज्य बिहार है, जहां ग्राम कचहरी संचालित हैं, लेकिन नियोजन नियमावली में संपूर्ण भारत के नागरिकों को आवेदन करने का अधिकार दिया गया है। यहां ग्राम कचहरी सचिव को मानदेय के रूप में मात्र 6000/- मासिक मिलता है। उन्होंने बताया कि यह विचारणीय सवाल है कि महज 6000/- रुपये की नौकरी करने के लिए दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, गुजरात, कश्मीर, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, तेलंगाना आदि राज्यों के लोग क्यों आएंगे।

उन्होंने कहा कि दूसरी बात विभिन्न जगहों से अभ्यार्थियों के जो आवेदन आए हैं, उनका प्राप्तांक भी काफी बढ़ा-चढ़ा है। यह भी जांच का विषय है। संघ ने मांग की है कि विभाग अविलंब नियोजन प्रक्रिया पर संज्ञान ले। इतना ही नहीं, अभ्यर्थियों का आवेदन पंचायत और प्रखंड स्तरीय किया जाए। समस्त प्रक्रिया ग्राम कचहरी स्तर पर कराए जाने की व्यवस्था हो। उन्होंने कहा कि सरपंच किसी भी परिस्थिति में नियम के विरुद्ध कार्य नहीं करेंगे और ना ही किसी को करने देंगे। अगर किसी भी स्तर पर गड़बड़ी होती है तो इसकी सारी जबाबदेही शासन-प्रशासन की होगी।