पटना। बिहार में कोरोना संकट और लॉकडाउन को लेकर किसानों की स्थिति खराब होती जा रही है। लेकिन उन्हें किसी प्रकार की दिक्कत नहीं हो, इसके लिए सरकार लगी हुई है। अब बिहार में सरकार गेहूं की खरीदारी (गेहूं अधिप्राप्ति) तेज कर दी है। गेहूं की खरीदारी 15 अप्रैल से शुरू हो गई है, जो 15 जुलाई तक चलेगी। इसके लिए जिला टास्क फोर्स को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। वहीं धान की खरीदारी (धान अधिप्राप्ति) की डेडलाइन खत्म हो गई है। धान अधिप्राप्ति की लास्ट डेट 30 अप्रैल निर्धारित थी।
जानकारी के अनुसार, सरकार ने इस साल गेहूं खरीद का लक्ष्य दो लाख टन तय किया है। 15 जुलाई तक किसानों से गेहूं की खरीद की जाएगी। इस साल गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रति क्विंटल 1925 रुपये निर्धारित है। बता दें कि 2019 में गेहूं बेचने के लिए पूरे बिहार में सात हजार किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। तब किसानों से 2800 टन गेहूं खरीदे गये थे। इसी तरह, 2018 में 17 हजार टन गेहूं की खरीद हुई थी।
गेहूं बेचने के लिए 13 अप्रैल से ही किसानों का रजिस्ट्रेशन शुरू हो गया है। कोई भी किसान सहकारिता विभाग की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करा सकता है। बता दें कि पिछले पखवारे में इसे लेकर सहकारिता विभाग की सचिव वंदना प्रेयसी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिला सहकारिता पदाधिकारी व सहकारी बैंक के एमडी के साथ समीक्षा बैठक की थी। वंदना प्रेयसी ने जिलों को निर्देश दिया था कि जिला टास्क फोर्स के माध्यम से गेहूं खरीद हो और इसके लिए पैक्स व व्यापार मंडल को कैश क्रेडिट उपलब्ध कराए। गोदाम की उपलब्धता को लेकर भी निर्देश दिए गए थे।
बहरहाल, धान खरीद (अधिप्राप्ति) का सांकेतिक लक्ष्य 30 लाख मीट्रिक टन था, जबकि निर्धारित डेट तक लगभग 18 लाख मीट्रिक टन ही धान की खरीद की जा सकी है। धान खरीद का समर्थन मूल्य 1815 रु प्रति क्विंटल था। हालांकि, धान खरीद की निर्धारित डेट पहले 31 मार्च थी, जिसे बढ़ाकर 30 अप्रैल की गयी थी, किंतु वह डेडलाइन भी अब खत्म हो गयी है। सूत्रों की मानें तो लॉकडाउन को देखते हुए इसकी डेट बढ़ाई जा सकती है।