PATNA (SMR) : बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के दो साल हो गए। 17 वीं विधानसभा में 243 में से करीब 100 विधायक पहली बार निर्वाचित हुए थे। उनमें से कुछ विधायकों से बिहार पॉलिटिक्स पर पैनी नजर बनाए रखने वाले वीरेंद्र यादव ने बात की है। उनके दो वर्ष के अनुभव और अनुभूति को नजदीक से जाना। यहां हम उनके सौजन्य से ‘सियासी गलियारे से’ की सीरीज में प्रकाशित कर रहे हैं… पेश है आठवीं कड़ी :
भागलपुर के पीरपैंती से भाजपा के विधायक हैं ललन पासवान। पहली बार निर्वाचित हुए हैं। वे कहते हैं कि विधान सभा तक पहुंचने के लिए घाट-घाट का पानी पीना पड़ा है। संघर्ष की लंबी यात्रा करनी पड़ी है। इस लोकतांत्रिक यात्रा ने विधान सभा के प्रति आस्था बढ़ा दी है, उसकी ताकत का अहसास करा दिया है। लोकतंत्र का यह मंदिर काफी ताकतवर है और इस ताकत का इस्तेमाल जनता की समस्याओं के समाधान के लिए करते रहे हैं।
वे कहते हैं कि उनके ही प्रस्ताव पर सर्प दंश से हुई मौत को आपदा की श्रेणी में रखा गया और 29 मार्च, 2022 को इसके लिए कानून भी बन गया। अब सर्पदंश से मौत पर परिजनों को चार लाख रुपये का मुआवजा दिया जाता है।
ललन पासवान कहते हैं कि विधान सभा में उठाये गये उनकी ही मांग पर भागलपुर में 720 बिस्तरों वाला आदिवासी आवासीय विद्यालय का निर्माण किया जा रहा है। इसमें छात्र-छात्रा दोनों के रहने की व्यवस्था होगी। वे कहते हैं कि उदारीकरण, भूमंडलीकरण और निजीकरण के दौर में सरकारी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर समाप्त होते जा रहे हैं। इस संदर्भ में विधानसभा में निजी क्षेत्रों में आरक्षण की मांग उठायी।
विधायक कहते हैं कि विधान सभा की कार्यवाही के दौरान जनहित के अनेक मुद्दे उठाये और सभी विधान सभा की कार्यवाही में दर्ज हैं। यह दस्तावेज हो गया है, इतिहास हो गया है।