PATNA (SMR) : बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के दो साल हो गए। 17 वीं विधानसभा में 243 में से करीब 100 विधायक पहली बार निर्वाचित हुए थे। उनमें से कुछ विधायकों से बिहार पॉलिटिक्स पर पैनी नजर बनाए रखने वाले वीरेंद्र यादव ने बात की है। उनके दो वर्ष के अनुभव और अनुभूति को नजदीक से जाना। यहां हम उनके सौजन्य से ‘सियासी गलियारे से’ की सीरीज में प्रकाशित कर रहे हैं… पेश है छठी कड़ी :
नवादा जिले के हिसुआ से विधायक हैं नीतू कुमारी। कांग्रेस के टिकट पर निर्वाचित हुई हैं। वे नवादा जिला परिषद की सदस्य और अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। उनके ससुर भी विधायक और राज्य सरकार में मंत्री रह चुके थे। इस कारण उनका लंबा राजनीतिक अनुभव है।
विधान सभा के अपने अनुभव के बारे में नीतू कुमारी ने बताया कि पहले हमारी पार्टी विपक्ष में थी और अब सत्ता पक्ष में आ गयी है। इसका हमारी कार्यशैली पर कोई असर नहीं पड़ा है। अपने क्षेत्र के विकास के लिए हम बराबर तत्पर रहे हैं। इस कारण विपक्ष में होने के बावजूद काम में कभी शिथिलता नहीं आयी।
वे कहती हैं कि विधान सभा में कई सवाल किये और सवालों का जवाब भी मिला। अपनी विधायी भूमिका से संतुष्ट हैं। विधान सभा में प्रश्न काल, शून्य काल, ध्यानाकर्षण के माध्यम से उठाये गये सवालों के कारण कई समस्याओं का समाधान हुआ। विकास कार्यों में स्थानीय अधिकारियों का भी सहयोग मिलता है। इस कारण विकास काम बाधित नहीं होता है।
नीतू कुमारी कहती हैं कि सदन में सभी पक्षों का पूरा सहयोग मिलता है। मुद्दे पर विभिन्न दलों के बीच भले मतभेद होता है, लेकिन सभी जनता के प्रति जवाबदेह होते हैं। यही जवाबदेही लोकतंत्र को मजबूत बनाती है।