PATNA (MR) : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ की पूर्व तैयारियों की हुई समीक्षा बैठक। 1 अणे में आयोजित बैठक में दोनों उपमुख्यमंत्रियों के अलावा कई मंत्री व संबंधित अधिकारी भी शामिल हुए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि 13 जून के पूर्व सारी तैयारी पूर्ण रखें। आपदा प्रबंधन विभाग सतत् अनुश्रवण करते रहें।
उन्होंने कहा कि पूर्व के बाढ़ के अनुभवों को ध्यान में रखते हुए योजनाबद्ध ढंग से काम करें। हर चीज पर नजर बनाए रखें। बाढ़ की स्थिति में तटबंधों की निगरानी हेतु विशेष सतर्कता बरती जाय। निगरानी कार्य में लगाये जाने वाले लोगों का विशेष प्रशिक्षण करायें। बाढ़ की स्थिति में प्रभावित क्षेत्रों का टीम बनाकर सही आकलन करवाएं। प्रभावित परिवारों की सूची बनाते समय पूरी पारदर्शिता बरती जाए ताकि कोई भी लाभ से वंचित न रहे। कोई भी वास्तविक हकदार लाभ से वंचित न रहे, यह सुनिश्चित करें।
नीतीश कुमार ने कहा कि बाढ़ राहत एवं बचाव कार्यों में लगाए जाने वाले सभी लोगों का शत-प्रतिशत टीकाकरण कराएं। बाढ़ के दौरान प्रभावित लोगों को बाढ़ राहत शिविर में आने के बाद उनकी कोरोना जांच अवश्य कराएं। अगर कोई कोरोना पॉजिटिव पाए जाते हैं, उन्हें राहत शिविरों में अलग से आइसोलेट कर उनके इलाज की समुचित व्यवस्था रखें। नवगठित नगर निकायों में संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ की स्थिति से निपटने की व्यवस्था सुनिष्चत करें। डिजास्टर रिस्क रिडक्शन रोडमैप के क्रियान्वयन हेतु समुचित कार्रवाई करें।
मानव दवा, पषु दवा, सांप काटने की दवा, कुत्ता काटने की दवा, ब्लीचिंग पाउडर, डायरिया की दवा, हैलोजन टेबलेट आदि की पर्याप्त उपलब्धता रखें। विषेष आक्राम्य स्थलों को चिह्नित करें। इसको लेकर जनप्रतिनिधियों एवं स्थानीय लोगों से विचार-विमर्ष करें। निर्माणाधीन पुल/पुलियों के निकट डायवर्सन का सुदृढ़ीकरण करायें। पिछले वर्ष बाढ़ के दौरान क्षतिग्रस्त सड़कों एवं पुल/पुलियों की मरम्मति कार्य 15 जून तक पूर्ण करें। पुल/पुलियों के साफ-सफाई का कार्य भी माॅनसून के पहले पूर्ण करें।
इसके पहले मुख्यमंत्री श्नीतीश कुमार को भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के प्रतिनिधि ने इस वर्ष मॉनसून सत्र के दौरान वर्षा का पूर्वानुमान तथा पिछले 10 वर्ष के वर्षापात की स्थिति की जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि 13-14 जून तक बिहार में मॉनसून आने की संभावना है। जून महीने में सामान्य से अधिक वर्षा हो सकती है। आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने प्रजेंटेशन के माध्यम से संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ की पूर्व तैयारियों से संबंधित मुख्य बातों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मानक संचालन प्रक्रिया (एस0ओ0पी0) के अनुसार बाढ़ आपदा प्रबंधन किया जाएगा। संभावित बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। उन्होंने नाव, पॉलिथिन शीट, राहत सामग्री की उपलब्धता, दवा, पशुचारा आदि के संबंध में भी विस्तृत जानकारी दी।
जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस, पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा, लघु जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव रवि मनु भाई परमार, नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर, ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के सचिव जितेंद्र श्रीवास्तव, कृषि सह पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के सचिव एन सरवन कुमार ने अपने-अपने विभागों द्वारा संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ की स्थिति से निपटने को लेकर की गई तैयारियों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। समीक्षा के दौरान सभी जिलों के जिलाधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े हुए थे। इस दौरान कुछ बाढ़ प्रभावित जिलों के जिलाधिकारियों से उनके जिलों की तैयारियों के संबंध में जानकारी ली गई।
बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ कहा कि 13 जून के पूर्व सारी तैयारी पूर्ण रखें। आपदा प्रबंधन विभाग सतत् अनुश्रवण करते रहे। हर चीजों पर नजर बनाए रखें। पूर्व के बाढ़ के अनुभवों को ध्यान में रखते हुए योजनाबद्ध ढंग से काम करना है। बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार एवं मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह उपस्थित थे, जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, उप मुख्यमंत्री सह आपदा प्रबंधन मंत्री रेणु देवी, शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे, जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा, पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी समेत अन्य मंत्रीगण तथा अधिकारी मौजूद रहे।