गली के सितारे 15 : रद्दी अखबारों से बच्चों ने बनायी विद्या की देवी, मना रहे सरस्वती पूजा

 PATNA (MR) : Saraswati Puja 2022 : मन में यदि दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो हर हाल में सफलता मिलती है। बिहार की राजधानी पटना में ऐसा ही कुछ कर दिखाया है बच्चों ने। पटना में रहने वाले बच्चों ने अखबारों से विद्या की अधिष्ठात्री मां सरस्वती की मूर्ति बना डाली। यह मूर्ति 6 फीट लंबी तथा इको फ्रेंडली है।

पटना से सटे दानापुर में रौनक कैपिटल ग्रीन अपार्टमेंट है। उसी में रद्दी अखबारों से कबाड़ से जुगाड़ टेकनिक पर इस मूर्ति को वेद ऋषि, छवि रेसु, शिवानी, सिमरन, निशा, खुशी, निशी आदि बच्चों ने इसे तैयार किया है। माँ की मूर्ति बनाकर सभी बच्चे काफी उत्साहित हैं। इसमें डीपीएस, माउंट लिट्रा, सेंट कैरेंस, डीएवी आदि स्कूल के बच्चे शामिल हैं।

पहली बार बच्चों ने खुद से वीणावादिनी माँ सरस्वती की मूर्ति तैयार की है। आज शनिवार को वे मां की पूजा-आराधना कर रहे हैं। वे तो इसे लेकर पिछले एक माह से उत्साहित हैं। वे इस बात से भी खुश हैं कि बच्चों ने जिन अखबारों को पढ़ा उन्हें रद्दी वाले को नहीं बेचा। अब उन्हीं पुराने कागजों का इस्तेमाल कर इको फ्रेंडली सरस्वती पूजा मना रहे हैं। 

इसमें कला निर्देशक संजय कुमार सिंह और सुनील कुमार चौधरी बच्चों की मदद कर रहे हैं। 6 फीट की इस मूर्ति के लिए किसी ने मां के पैरों की सजावट की तो किसी ने जेवर तैयार किये। किसी ने वीणा बनायी तो किसी ने माँ के वाहन हंस को बनाया। बच्चों ने पहले अखबार के कागज के पतले-पतले रोल तैयार किए। इसके बाद इसे फेविकॉल से जोड़ते चले गए। यह काम इतनी बारिकी से हुआ कि आप देखकर हैरत में पड़ जाएंगे। इसे बनाने में लगभग तीन सप्ताह लगे हैं। 

शिक्षक संजय कहते हैं कि यह पब्लिक आर्ट है। यह पारंपरिक आर्ट से थोड़ा अलग है। इसे पेपरमैसी आर्ट कहते हैं  जो कि थोड़ा अलग होता है। बच्चों ने बेकार हो गए कागज में जान डाल दी है। इसे विसर्जित नहीं किया जाएगा, बल्कि मूर्ति को बच्चों के खूबसूरत हुनर के तौर पर सहेज कर रखा जाएगा। ज्ञान की देवी यहां से पर्यावरण को बचाने का संदेश दे रही हैं। पर्यावरण को बचाने का ज्ञान। बच्चों ने संकल्प लिया है कि हम पर्यावरण को बचाएंगे। 

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