PATNA (APP) : बिहार में नयी शिक्षक नियमावली लागू हो गयी है। इस नयी शिक्षक नियमावली पर बिहार कैबिनेट ने 11 अप्रैल को अपनी मंजूरी दी थी, लेकिन एक पखवारे के बाद भी इसे लेकर जिच बना हुआ है। नयी शिक्षक नियमावली को लेकर जहां अधिसंख्य शिक्षक अभ्यर्थियों में खुशी की लहर है, वहीं कई शिक्षक संगठन इस नियमावली का विरोध कर रहे हैं। हालांकि, शिक्षा मंत्री प्रो चंद्रशेखर लगातार इस नियमावली के फायदे बता रहे हैं। यहां तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी अभ्यर्थियों से कहा है कि वे किसी के बहकावे में नहीं आएं। इन सबके बावजूद शिक्षक अभ्यर्थियों के मन में इसे लेकर कई तरह के सवाल भी उठ रहे हैं। बहुत से लोग तो कन्फ्यूजन में भी हैं। वे सवालों के उलझन में हैं कि नए तरीके से बहाली कैसे होगी? इस नयी नियमावली से कितना फायदा या नुकसान होगा ? ऐसे में आइए बिहार शिक्षक नियमावली 2023 को इन आसान 5 प्वाइंट्स में समझते हैं।
Points No 1 : बिहार में सातवें चरण की बहाली नयी शिक्षक नियमावली के अनुसार होगी और इसके तहत ज्वाइन करने वाले शिक्षक अब राज्यकर्मी कहलाएंगे। दरअसल, बिहार में पिछले कई वर्षों से नियोजन के आधार पर शिक्षकों की बहाली हो रही थी। इसके माध्यम से टीचर बनने वाले कर्मी नियोजित शिक्षक कहलाते हैं। इन्हें राज्यकर्मियों की श्रेणी में नहीं रखा जाता है। इसकी वजह से ये कई सरकारी सुविधाओं से वंचित हैं। इसे लेकर नियोजित शिक्षक बहुतों बार प्रदर्शन किए हैं। उनकी मांग थी कि शिक्षा विभाग ‘एक काम एक वेतन’ लागू करे। ऐसे में अब नयी बहाली में जो भी शिक्षक आएंगे, वे अब राज्यकर्मी कहलाएंगे। पहले से नियोजित शिक्षक भी राज्यकर्मी की श्रेणी में आ सकते हैं, बशर्ते कि वे राज्य सरकार के प्रावधानों को पूरा करें।
Points No 2 : बिहार शिक्षक नियमावली 2023 में सबसे खास बात यह है कि इसके लिए अभ्यर्थियों को आयोग की ओर से आयोजित परीक्षा को हर हाल में पास करना होगा। उस परीक्षा को बिना क्रैक किए हुए वे राज्यकर्मी की श्रेणी में नहीं आ सकते हैं यानी अभ्यर्थियों के लिए आयोग की ओर से ली जाने वाली परीक्षा को क्वालिफाई करना जरूरी है। और हां, आयोग के माध्यम से ली जाने वाली शिक्षक बहाली की परीक्षा में CTET और STET उत्तीर्ण ही बैठ सकेंगे। CTET-STET के अलावा राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा तय शैक्षणिक और प्री-शैक्षणिक योग्यता आवश्यक होगी। यानी डीएलएड/बीएड/एमएड पासआउट ही BPSC की परीक्षा में बैठ सकेंगे, लेकिन आयोग बीपीएससी का होगा या कोई और, उस पर अभी फैसला नहीं हुआ है।
Points No 3 : नयी नियमावली में यह भी कहा गया है कि आयोग की परीक्षा में कोई भी अभ्यर्थी कितनी बार शामिल हो सकता है ? कितनी बार वह अटेंप्ट ले सकता है। बिहार राज्य विद्यालय शिक्षक नियमावली 2023 को लेकर शिक्षा विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, कोई भी अभ्यर्थी तीन बार आयोग की परीक्षा में शामिल हो सकता है। इसके माध्यम से चयनित शिक्षकों की पोस्टिंग उनकी योग्यता के अनुसार क्लास वन से क्लास 12 तक के सरकारी स्कूलों में हो सकती है। साथ ही क्लास वन से क्लास 8 तक की नियुक्ति में महिलाओं को 50 परसेंट का आरक्षण मिलेगा। एक बात और यह है, नियोजित शिक्षकों को भी राज्यकर्मी की श्रेणी में आने के लिए आयोग की पात्रता परीक्षा को क्रैक करना अनिवार्य है। लेकिन, जो शिक्षक 2012 से पहले नियुक्त हुए हैं और वे दक्षता परीक्षा में पास भी हैं तो उनके लिए पात्रता परीक्षा अनिवार्य नहीं है।
Points No 4 : जब अभ्यर्थी सारे नियमों और प्रावधानों को क्रॉस करते हुए राज्यकर्मी हो जाएंगे, तो उन्हें वेतन कहां से मिलेगा ? उनका वेतन शिक्षा विभाग तय करेगा या राज्य सरकार ? मिल रही जानकारी के अनुसार, नयी नियमावली के तहत आयोग की ओर से चयनित शिक्षकों को राज्य सरकार की ओर से वेतन दिया जाएगा। इतना ही नहीं, बहाली के लिए ली जाने वाली परीक्षा का पैटर्न भी सरकार की ओर से अधिकृत किए गए आयोग ही तय करेगा। इसमें शिक्षा विभाग केवल अपनी ओर से सलाह देगा। इसका एक बड़ा फायदा अभ्यर्थियों को मिलेगा। इस परीक्षा में मेरिट लिस्ट के आधार पर उन्हें चॉइस पोस्टिंग मिलेगी।
Points No 5 : राज्यकर्मी की श्रेणी में आने के बाद शिक्षकों की जिलों में भी ट्रांसफर-पोस्टिंग हो सकेगी… दरअसल, बिहार में वर्ष 2006 से अब तक पंचायतीराज संस्था और नगर निकायों के जरिए नियोजित शिक्षकों का चयन हो रहा था। इस वजह से उनका ट्रांसफर एक जिले से दूसरे जिले में नहीं हो पा रहा था, लेकिन अब उनकी मेरिट के हिसाब से ट्रांसफर और पोस्टिंग की सुविधा मिलने लगेगी। शिक्षकों के ट्रांसफर की कार्यवाही संबंधित संवर्गीय पद पर ज्वाइनिंग अथॉरिटी द्वारा किया जाएगा। खास बात कि मेरिट के आधार पर ही सीनियरिटी का ध्यान रखा जाएगा और अधिक अंक लाने वालों को च्वाइस वाले जिलों में पोस्टिंग होगी। शिक्षकों का तबादला पूरे जिले में होगा और विशेष परिस्थितियों में इंटर डिस्ट्रिक्ट ट्रांसफर भी किए जाएंगे। आयोग से अनुशंसित शिक्षकों को नियुक्ति पत्र जिला शिक्षा अधिकारी बांटेंगे।