बिहार : पूर्व मंत्री रामानंद प्रसाद सिंह नहीं रहे, परबत्ता से बने थे 5 बार विधायक; नौकरी छोड़ आए थे सियासत में

PATNA (MR) : बिहार के पूर्व मंत्री रामानंद प्रसाद सिंह नहीं रहे। शनिवार की रात उन्होंने पटना के मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली। वे 85 साल के थे। उनके निधन की खबर से परबत्ता विधानसभा क्षेत्र सहित पूरे बिहार में शोक की लहर दौड़ गयी। वर्तमान में उनके एक पुत्र विधायक तो दूसरे पुत्र विधान पार्षद हैं।

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रामानंद सिंह बिहार की सियासत में आरएन सिंह के नाम से लोकप्रिय थे। वे खगड़िया के परबत्ता विधान सभा क्षेत्र से 8 बार चुनाव लड़े थे, जिनमें 3 बार हारे थे, जबकि 5 बार विजयी हुए थे। 3 में से 2 बार तो सम्राट चौधरी (वर्तमान उपमुख्यमंत्री) से ही हारे थे। वे 1995 में राजनीति में आए थे और क्षेत्र में लगभग ढाई दशकों तक राजनीति की धुरी बने रहे।

स्वर्गीय आरोग्य सिंह के पुत्र रामानंद ने 1967 में यूनाइटेड किंगडम की लीड्स यूनिवर्सिटी से बीटेक की डिग्री हासिल की थी। उन्होंने बिहार राज्य विद्युत बोर्ड में सुपरिटेंडिंग इंजीनियर के पद से इस्तीफा देकर 1995 में राजनीति में कदम रखा। पहली बार 1995 में रामानंद सिंह ने भाजपा के टिकट पर ही पहला चुनाव लड़ा था, लेकिन तीसरे स्थान पर रहे। 2000 में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में दूसरे स्थान पर रहे। 2004 में सम्राट चौधरी की सदस्यता रद्द होने के बाद हुए उपचुनाव में जदयू के टिकट पर उन्होंने पहली बार जीत हासिल की।

2005 में फरवरी और अक्टूबर के चुनावों में भी उन्होंने जीत का परचम लहराया। 2008 में उन्हें नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में परिवहन मंत्री बनाया गया। 2010 में हार का सामना करने के बावजूद, 2014 के उपचुनाव और 2015 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने शानदार वापसी की। स्वास्थ्य कारणों से 2020 में वे चुनाव नहीं लड़े। उनकी जगह उनके पुत्र डॉ. संजीव कुमार चुनाव लड़े और किसी तरह 951 वोटों से जीते। उनके दूसरे पुत्र राजीव कुमार वर्तमान में एमएलसी हैं।