PATNA (APP) : बिहार पंचायत उपचुनाव का रिजल्ट आज शनिवार 27 मई को आ गया। इसमें बड़ी संख्या में महिलाओं ने जीत दर्ज की है। राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार, 605 पदों के लिए उपचुनाव कराए गए थे। इसकी वोटिंग 25 मई को करायी गयी थी। वहीं काउंटिंग 27 मई को हुई। 605 पदों में से 345 पदों पर महिलाओं ने बाजी मारी, जबकि 260 पदों पर पुरुष प्रत्याशियों को जीत मिली। खास बात कि उपचुनाव में 122 नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों की उम्र 21 वर्ष से 25 वर्ष के बीच है। वहीं, मुंगेेर के धरहरा में मुखिया पद पर लोकतंत्र की जीत हुई। मारे गए मुखिया की पत्नी ने बाजी मारी। बता दें कि 2021 में शपथग्रहण के एक दिन पहले नवनिर्वाचित मुखिया परमानंद टुडू की नक्सलियों ने हत्या कर दी थी। इसके बाद यहां उपचुनाव कराया गया था और वहां से परमानंद टुडू की पत्नी रेखा देवी को जीत मिली।

निर्वाचन आयोग की ओर से जारी मतगणना परिणाम के अनुसार जिला परिषद सदस्य के 7 पदों के लिए उपचुनाव कराए गए थे। इसमें 4 महिलाओं, जबकि 3 पुरुषों ने जीत दर्ज की है। इसी तरह, पंचायत समिति सदस्य के 41 पदों के लिए उपचुनाव हुए, जिसमें 30 महिलाओं और 11 पुरुष प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की। ग्राम पंचायत मुखिया के 48 पदों पर उपचुनाव के परिणाम में 27 पदों पर महिलाओं, जबकि 21 पदों पर ही पुरुष प्रत्याशियों को जीत मिली। ग्राम कचहरी सरपंच के 52 पदों के लिए संपन्न चुनाव में महिलाएं पिछड़ गईं और इसमें 30 पुरुष सरपंचों को जीत मिली तो 22 महिलाएं सरपंच बनने में कामयाब रहीं। ग्राम पंचायत सदस्य के 316 पदों में से 177 पद महिलाओं की झोली में तो 139 पद पुरुषों की झोली में गए। ग्राम कचहरी पंच के कुल 141 पदों के उपचुनाव में महिलाओं ने 85 पदों पर कब्जा जमाया तो पुरुषों ने 56 पदों पर जीत हासिल की। पंचायत उपचुनाव में दिलचस्प यह भी है कि 605 पदों के लिए कुल 1961 प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे, जिनमें सबसे अधिक 1004 महिला प्रत्याशी और 957 पुरुष प्रत्याशी शामिल थे।

दूसरी ओर, बिहार के मुंगेर जिले में नक्सलियों के गढ़ में लोकतंत्र की जीत हुई। धरहरा प्रखंड के नक्सल प्रभावित गांव से रेखा देवी की मुखिया पद पर जीत मिली है। अजीमगंज पंचायत के लोगों ने रेखा देवी को अपना मुखिया चुना। रेखा देवा के पति मुखिया परमानंद टुडू की हत्या के बाद यहां उपचुनाव हुआ था। लोकतंत्र के विरोधी नक्सलियों ने परमानंद टुडू की हत्या कर दी थी।
आदिवासी बहुल इस गांव में जब उपचुनाव की घोषणा हुई तो ग्रामीणों ने रेखा देवी को चुनाव में खड़ा किया। पति की हत्या से आहत रेखा देवी ने हिम्मत करके गांव वालों की बात मान ली। गांव के लोगों ने उन्हें हौसला दिया।

चुनाव मैदान में उनसे दो-दो हाथ कर रहे थे उनके पति की हत्या के आरोपित योगेंद्र कोड़ा। जाहिर तौर पर गांव वालों को भी इशारा था कि उन्हें किसके साथ खड़ा होना है, लेकिन न रेखा डरीं, न गांव वाले। ग्रामीणों ने रेखा की जीत पर मुहर लगाते हुए लोकतंत्र के दुश्मनों को यह बता दिया कि उनके हौसले टूटेंगे नहीं। हर बार लोकतंत्र की ही जीत होगी। पंचायत उपचुनाव में रेखा देवी को 2068 मत मिले, जबकि योगेंद्र कोड़ा को 1733 वोट आए। जीत के बाद प्रमाण पत्र के साथ रेखा देवी को पुलिस अभिरक्षा में पैतृक गांव मथुरा भेजा गया। तीर-धनुष लिये ग्रामीण रेखा के साथ खुशी मनाते नजर आए।

बाद में मीडिया से बात करते हुए रेखा देवी ने कहा कि यह उनकी नहीं, पंचायत की जनता की जीत है। यहां की जनता ने ही उन्हें चुनाव मैदान में उतारा था। नक्सलियों के हमले की आशंका को देखते हुए आदिवासी युवाओं की टोली हाथों में तीर-धनुष लिए दिन-रात उनकी पहरेदारी कर रही थी। उन्होंने यह भी कहा कि मीडिया के साथ ही पुलिस ने भी बेहतर रोल निभाया। रात में गांव में किसी के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई थी। सबका आभार। बता दें कि 2021 में चुनाव में मुखिया पद पर निर्वाचित पति परमानंद टुडू की शपथग्रहण से पहले ही घर से खींचकर नक्सलियों ने हत्या कर दी थी। उन्होंने कहा कि अजीमगंज पंचायत को मुंगेर जिले की सबसे विकसित और सुंदर पंचायत बनाना उनका लक्ष्य है।

Previous articleUPSC 2022 : बिहार की बेटियों का यूपीएससी में परचम, फर्स्ट टॉपर इशिता तो सेकंड गरिमा, टॉप-10 में 3 बिहारी
Next articleNew Parliament House Inauguration : नया जोश है, नया उमंग है, नया सफर है, जानिए क्या-क्या बोले PM Modi

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here