VARANASI (MR) : पूरे देश में आज विशेष उत्साह और भक्ति के साथ ‘बुढ़वा मंगल’ मनाया जा रहा है। यह जेठ माह के दूसरे मंगल को पड़ता है। वैसे तो इस हिंदी माह में पड़ने वाले सभी मंगल का बहुत अधिक महत्व है और सभी को मंगल ‘बड़ा’ या ‘बुढ़वा मंगल’ कहा जाता है। कुछ ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस बार का बुढ़वा मंगल आज 20 मई को पड़ रहा है।
हिंदू धर्म में बड़ा मंगल हनुमान जी की पूजा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन हनुमान जी की विधिवत पूजा करने से भक्तों को विशेष पुण्य प्राप्त होता है, साथ ही जीवन के सभी संकटों और कष्टों से मुक्ति मिलती है। खासकर उत्तर भारत, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में, यह पर्व श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है।

शुभ संयोग और धार्मिक महत्व : आज के दिन धनिष्ठा नक्षत्र और द्विपुष्कर योग का शुभ संयोग बन रहा है, जो पूजा, अनुष्ठान और धार्मिक कार्यों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। धनिष्ठा नक्षत्र समृद्धि और शक्ति का प्रतीक है, जबकि द्विपुष्कर योग कार्यों में सफलता और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है। इस संयोग में हनुमान जी की पूजा करने से भक्तों को उनकी असीम कृपा प्राप्त होती है। बड़ा मंगल ज्येष्ठ मास के प्रत्येक मंगलवार को मनाया जाता है, क्योंकि यह मास हनुमान जी की भक्ति के लिए विशेष रूप से समर्पित माना जाता है।

हनुमान जी की पूजा की परंपरा : बड़े मंगल के दिन भक्त प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करते हैं और हनुमान मंदिरों में जाकर पूजा-अर्चना करते हैं। हनुमान जी के सामने घी या चमेली के तेल का दीपक जलाया जाता है, गुलाब की माला अर्पित की जाती है, और बजरंग बाण, सुंदरकांड तथा हनुमान चालीसा का पाठ किया जाता है। इन पाठों को भक्ति और श्रद्धा के साथ करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में सकारात्मकता आती है। मान्यता है कि इस दिन नमक का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे हनुमान जी की कृपा में कमी नहीं आती। इसके अलावा, पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाने की परंपरा भी प्रचलित है, जो सुख, शांति और समृद्धि का प्रतीक है।
बड़े मंगल का पौराणिक-सांस्कृतिक महत्व : हनुमान जी को संकटमोचन और राम भक्त के रूप में पूजा जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, हनुमान जी भगवान श्रीराम के परम भक्त और शक्तिशाली योद्धा हैं, जिनकी भक्ति से असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं। ज्येष्ठ मास में पड़ने वाले बड़े मंगल को विशेष रूप से हनुमान जी के बल, बुद्धि और भक्ति के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। उत्तर प्रदेश के लखनऊ में यह पर्व विशेष रूप से लोकप्रिय है, जहां भव्य हनुमान मंदिरों जैसे अलीगंज के हनुमान मंदिर और हनुमान सेतु में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। इस दिन भंडारों का आयोजन भी किया जाता है, जिसमें भक्तों को प्रसाद वितरित किया जाता है।
ज्येष्ठ मास के शेष बड़े मंगल : जेठ माह (ज्येष्ठ मास) में बड़े मंगल की यह भक्ति परंपरा पूरे महीने जारी रहती है। इस मास के शेष बड़े मंगल 27 मई, 3 जून और 10 जून को मनाए जाएंगे। इन मंगलों को भी भक्त हनुमान जी की कृपा प्राप्त करने के लिए विशेष पूजा, पाठ और अनुष्ठान करते हैं। मंदिरों में भक्ति भजनों और हनुमान चालीसा के सामूहिक पाठ से वातावरण भक्तिमय हो उठता है।
हनुमान जी का आशीर्वाद प्राप्त करें : बड़ा मंगल का यह पावन अवसर भक्तों के लिए अपनी आध्यात्मिक और मानसिक शक्ति को बढ़ाने का सुनहरा मौका है। हनुमान जी की कृपा से न केवल जीवन के संकट दूर होते हैं, बल्कि आत्मविश्वास और सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी होता है। इस शुभ दिन पर देशभर के मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ती है। साथ ही, हनुमान जी की भक्ति में लीन होकर जीवन को मंगलमय बनाने की प्रार्थना की जाती है।