बिहार के युवा ‘जॉब-सीकर’ न बनकर ‘जॉब-क्रिएटर’ बनें, युवा संवाद में बोले आईपीएस विकास वैभव

MUNGER (MR) : Lets Inspire Bihar के अंतर्गत आज बिहार के ऐतिहासिक और पौराणिक शहर मुंगेर में युवा संवाद का आयोजन हुआ। इसमें IPS व संस्था प्रमुख विकास वैभव ने संबोधित किया। उन्होंने युवाओं से कहा कि बिहार के उज्ज्वलतम भविष्य निर्माण के लिए हमें सर्वप्रथम गंभीर आर्थिक चुनौतियों को समझना होगा। 2047 तक विकसित बिहार की स्थापना हेतु वर्तमान में लगभग 14 करोड़ जनसंख्या में से 30 वर्ष से अल्पायु के 9 करोड़ से अधिक युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना आसान नहीं है। सरकारी नौकरियों के माध्यम से अधिकतम 1% या कुछ अधिक जनसंख्या को ही लाभ मिल सकता है।

उन्होंने बिहार की आर्थिक चुनौती को समझाते हुए बताया कि वर्तमान में बिहार में औसत प्रति व्यक्ति मासिक आय केवल ₹5028 है, जो राष्ट्र में सबसे कम है। सिक्किम में यह ₹48979, दिल्ली में ₹38493, तेलंगाना में ₹29714, केरल में ₹23417, महाराष्ट्र में ₹23134, गुजरात में ₹22704, और आंध्र प्रदेश में ₹20207 है। ऐसे पिछड़ेपन की स्थिति में यह अत्यंत सुखद है कि बिहार का विकास दर वर्तमान मूल्यों पर 14.5% है, जबकि स्थायी मूल्यों पर 9.2 % है, जो राष्ट्र मे द्वितीय है। भले ही किसी भी अर्थव्यवस्था के लिए 5% से अधिक वृद्धि अत्यंत शुभ संकेत है, परंतु बिहार की अर्थव्यस्था की दुर्दशा आज भी ऐसी है कि यदि 15% के दर से भी हम बढ़ते रहे तो भी 5 वर्ष पश्चात भी हमारी प्रति व्यक्ति आय मात्र ₹10000 के आसपास और 10 वर्ष के पश्चात भी मात्र ₹20000 के आसपास ही होगी। 15% की दर पर वृद्धि कितना चुनौतीपूर्ण है, यह समझना तो अपने-आप में अत्यंत सुलभ है और वह भी तब, जब समाज जाति-संप्रदाय आदि लघुवादों के खंड-खंड में बंटा हो और राजनीति भी इन्हीं खंडों के समीकरणों पर आधारित हो।

आईपीएस विकास वैभव ने कहा कि बिहार को विकसित करने के लिए केवल राजनीतिक नहीं, अपितु एक व्यापक सामाजिक, शैक्षणिक और सांस्कृतिक परिवर्तन की आवश्यकता है। यह अत्यंत आवश्यक है कि हमारे युवा बड़ी संख्या में ‘जॉब-सीकर’ न बनकर ‘जॉब-क्रिएटर’ बनें।

उन्होंने कहा कि उद्यमिता की क्रांति ही हमें विकसित अर्थव्यवस्था का स्वरूप दे सकती है, जिसके लिए बिहार में हमें एक ऐसे इकोसिस्टम का निर्माण करना होगा, जिसमें स्टार्ट-अप्स को आवश्यक संसाधन, मार्गदर्शन एवं समर्थन मिल सके। यदि सकारात्मक ऊर्जा से साथ जाति, संप्रदाय, लिंगभेद आदि लघुवादों से परे उठकर राष्ट्रहित में शिक्षा, समता और उद्यमिता के विकास हेतु हमने मिलकर योगदान किया तो निश्चित ही यह संभव है। इसी उद्देश्य के साथ 2,20,000+ संकल्पित बिहारवासी आज जाति-संप्रदाय, लिंगभेद और विचारधारात्मक मतभेदों से परे उठकर राष्ट्रहित में योगदान समर्पित करने हेतु प्रयासरत हैं। लक्ष्य हर ग्राम-नगर के जन-जन तक पहुंचना है।