Mukhiyajee Report / Patna : बिहार के अमरपुर विधानसभा क्षेत्र की राजनीति में उस समय हलचल देखी गयी, जब यहां से विभिन्न दलों से 9 बार चुनाव लड़ने वाले वरीय नेता अनिल कुमार सिंह ने नीतीश कुमार की पार्टी जदयू का दामन थाम लिया। जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलायी। सामाजिक और राजनीतिक जीवन में लंबे समय से सक्रिय रहे अनिल कुमार सिंह के जदयू में शामिल होने को न सिर्फ एक औपचारिक राजनीतिक कदम, बल्कि क्षेत्र की राजनीति में अनुभव और निरंतरता के जुड़ाव के रूप में देखा जा रहा है। जदयू में शामिल होने पर क्षेत्र के लोगों के साथ ही पटना के नेताओं ने बधाई दी है।

अनिल कुमार सिंह वर्ष 1974 से सामाजिक कार्यों में सक्रिय हैं तथा उस दौर में कांग्रेस विचारधारा से काफी प्रभावित थे। इन्होंने 17 अक्टूबर 1984 को कांग्रेस में शामिल हुए थे। वह ऐतिहासिक क्षण था। इन्हें तत्कालीन मुख्यमंत्री सत्येंद्र नारायण सिंह ने कांग्रेस की सदस्यता दिलायी थी। इस मामले में वह ऐतिहासिक क्षण था, कि मिलन समारोह में तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी भी मौजूद थीं। उनके साथ स्व. बिन्देश्वरी दूबे और स्व. चंद्रशेखर सिंह आदि भी मौजूद रहे। राजनीतिक सफर के साथ-साथ अनिल सिंह ने सरकारी और संगठनात्मक दायित्वों को भी जिम्मेदारी से निभाया। वे बिहार राज्य परिवार कल्याण परिषद के सदस्य रहे, वहीं जिला स्तर पर 20 सूत्री कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति में भी उनकी सक्रिय भूमिका रही। कांग्रेस संगठन में भी उन्होंने किसान, खेत मजदूर कांग्रेस बिहार के उपाध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण दायित्व को संभाला।

2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में भी अनिल कुमार सिंह ने अमरपुर सीट से अपनी किस्मत आजमायी। उनका जनसंपर्क अभियान काफी तेज रहा। हालांकि, इस बार भी वे हार गए, लेकिन धरातल पर उनका राजनीति के साथ सामाजिक रिश्ते आज भी सबसे अधिक मजबूत हैं। चुनाव में हार-जीत से सामाजिक रिश्ते अलग होते हैं। ऐसे में अनिल सिंह का जदयू में शामिल होना पार्टी के लिए अमरपुर ही नहीं, बल्कि बांका जिले की राजनीति में भी संगठनात्मक मजबूती के रूप में देखा जा रहा है। जदयू की सदस्यता लेने के बाद उन्होंने मुखियाजी डॉट कॉम से कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार निरंतर विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। सुशासन, सामाजिक संतुलन और विकास की राजनीति से प्रभावित होकर उन्होंने जदयू को अपना राजनीतिक भविष्य चुना है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार मजबूती से आगे बढ़ रहा है। बहरहाल, सियासी पंडितों का मानना है कि अनिल कुमार सिंह जैसे अनुभवी नेता का जदयू में आना पार्टी को जमीनी स्तर पर लाभ पहुंचाएगा।




