समर्पण की मिसाल : भाजपा में तीन दशक से सक्रिय हैं बिहार वाले योगी जी

ARRAH (MR) : भारतीय जनता पार्टी के समर्पित और जुझारू नेता हैं जनार्दन शर्मा ‘योगी’। इनका राजनीतिक जीवन त्याग और संघर्ष की मिसाल है। वर्ष 1993 से भाजपा की विचारधारा से जुड़े योगी ने पिछले तीन दशक से अधिक समय में पार्टी संगठन को मजबूत करने और समाज की सेवा करने का कार्य किया है। आंदोलन के दौरान इन्होंने अपनी पीठ पर लाठियां भी खायी है। खास बात यह है कि अब तक उन्हें कोई लाभकारी पद नहीं मिला, फिर भी इन्होंने पूरी निष्ठा के साथ पार्टी के लिए अपना योगदान जारी रखा है। वर्तमान में योगी बगहा के जिला प्रभारी हैं।

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रेलवे और बैंक की नौकरी छोड़कर आए राजनीति में : रेलवे और बैंक की नौकरी छोड़कर राजनीति में आनेवाले जनार्दन शर्मा ‘योगी’ मूल रूप से भोजपुर जिले के तरारी स्थित डुमरिया के बक्सण्डा के रहने वाले हैं। ब्राह्मण समाज से आनेवाले स्नातक शिक्षित योगी लंबे समय से सामाजिक क्षेत्र में भी काफी सक्रिय हैं। ये शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास के कई अभियानों में अपनी भूमिका निभा चुके हैं। भाजपा संगठन में इन्हें कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां मिलीं। ये किसान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष रह चुके हैं, वहीं प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य के रूप में भी इन्होंने पार्टी की नीतियों को जनता तक पहुँचाने का कार्य किया है। वर्तमान में ये विधानसभा प्रभारी और प्रदेश कार्यसमिति के सक्रिय सदस्य के रूप में संगठन को मजबूती दे रहे हैं।

राजनीति का असली मकसद जनसेवा है, न कि व्यक्तिगत लाभ : जनार्दन शर्मा ‘योगी’ के संघर्ष का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 10 जनवरी 1993 को तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के शासनकाल में उनके और राजद के खिलाफ हुए एक आंदोलन में योगी ने काफी जोरदार ढंग से भाग लिया। राजद के खिलाफ आंदोलन को लेकर इन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। उस दौर में भाजपा की आवाज को बुलंद करने वाले नेताओं में ये एक प्रमुख चेहरा रहे हैं। इतना ही नहीं, इन्होंने भाजपा के काफी लोकप्रिय कार्यक्रम ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत अभियान’ के तहत छत्तीसगढ़ का दौरा भी किया है। ये अब तक 12 राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में कई जिलों के प्रभारी बने। 2022 में हुए उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में ये भदोही जिला के प्रभारी के तौर पर काम किया। हालांकि, इन्होंने अपने लिए कभी-कुछ नहीं मांगा है। ये कहते भी रहे हैं कि राजनीति का असली मकसद जनसेवा है, न कि व्यक्तिगत लाभ। यही कारण है कि इन्होंने हमेशा पार्टी और जनता के हित को अपने निजी स्वार्थ से ऊपर रखा। आज जब भाजपा बिहार में अपने संगठन को और मज़बूत करने की दिशा में काम कर रही है, तब जनार्दन शर्मा ‘योगी’ जैसे तपे-तपाए और जमीनी कार्यकर्ता की भूमिका और भी अहम मानी जा रही है। सियासी पंडितों का मानना है कि योगी जी का तीन दशक का अनुभव और निस्वार्थ सेवा भाव भाजपा को नयी ऊर्जा प्रदान कर सकता है। उनके कद को क्षेत्र में विरोधी भी समझते हैं।