Rajesh Thakur l Patna / Indore : दुर्गापूजा का काउंट डाउन शुरू हो गया है। 22 अक्टूबर से यह शुरू हो रहा है। इसी दुर्गापूजा के मौके पर 25 सितंबर को डायन प्रथा पर आधारित फिल्म बिसाही रिलीज हो रही है। हिंदी पट्टी सहित अन्य राज्यों में भी उसी दिन रिलीज किया जाएगा। इसके लिए फिल्म के निदेशक अभिनव ठाकुर लगातार विभिन्न राज्यों का दौरा कर रहे हैं। 18 सितंबर को वे इंदौर से फोन कर मुयिायाजी डॉट कॉम को बताया कि भी जगहों पर बढ़िया रिस्पांस मिल रहा है। पिछले दिनों उन्होंने बिहार की राजधानी पटना में फिल्म ‘बिसाही’ का ट्रेलर लांच किया।

अभिनव ठाकुर ने बताया कि इतना ही नहीं, दो दिन पहले गाना भी लांच किया। जय श्रीराम के बोल से बने इस गाने ने तो फिल्म के रिलीज होने से पहले ही धूम मचा दिया है। लोग इस गाने को काफी पसंद कर रहे हैं। फिल्म के प्रचार प्रसार के लिए वे विभिन्न राज्यों का दौरा कर रहे है। बिहार की राजधानी पटना में ट्रेलर लांच करने के के पहले झारखंड के रांची, धनबाद, जमशेदपुर जैसे शहरों में फिल्म के पोस्टर लांच किये गये थे। मध्य प्रदेश के इंदौर, भोपाल आदि शहरों में भी इसके पोस्टर से लेकर गाने तक पसंद किये जा रहे हैं। खासकर जय श्रीराम वाला गाना तो महिलाओं के साथ युवाओं को भी खूब पसंद आ रहा है। उसके बोल के साथ म्यूजिक भी काफी अच्छा बना है।


बेगूसराय के बखरी जैसे छोटे से गांव से निकलकर मायानगरी मुंबई में कदम जमाने वाले अभिनव ठाकुर ने ‘बिसाही’ फिल्म के जरिए उन महिलाओं की व्यथा को पर्दे पर उतारा है, जिन्हें अंधविश्वास के नाम पर प्रताड़ित किया जाता है। उन्होंने बताया कि फिल्म बनाने के पहले इस पर गहन शोध किया गया और पाया कि यह कुप्रथा और अंधविश्वास केवल बिहार में ही नहीं है, बल्कि अन्य प्रदेशों झारखंड, ओडिशा, गुजरात, राजस्थान आदि में भी फैला हुआ है। इस फिल्म के लिए उन्होंने तीन वर्षों तक विभिन्न राज्यों का दौरा किया। कई गांवों में गए। खासकर बिहार और झारखंड की कई गलियों का छाना। इस प्रथा को आदिवासियों और निचले तबकों में ज्यादा देखा जाता है और इसके पीछे अशिक्षा व अंधविश्वास बड़ा कारण है।

उन्होंने बताया कि फिल्म का अवधि 1 घंटा 45 मिनट है। इसमें रवि साहू मुख्य भूमिका में हैं। इसके पहले वे वेब सीरिज ‘ठुकरा के मेरा प्यार’ में अपने अभिनय से दर्शकों का दिल जीत चुके हैं। ‘बिसाही’ में उनका किरदार पूरी तरह इमोशनल है। रवि के अलावा राम सुजान सिंह, पूजा अग्रवाल, इंदु प्रसाद, चाहना पटेल, हार्दिक सोलंकी, पूजा रावल आदि ने भी अपने अभिनय से फिल्म को सशक्त बनाया है। इन कलाकारों ने डायन प्रथा जैसी संवेदनशील विषय वस्तु को पर्दे पर जीवंत करने के लिए कड़ी मेहनत की है। बिसाही की शूटिंग गुजरात, मुंबई और राजस्थान में हुई है।


दरअसल, यह दुर्भाग्य है कि शिक्षा के क्षेत्र में देश लगातार आगे बढ़ रहा है, लेकिन समाज आज भी अंधविश्वास की बेड़ी में बुरी तरह जकड़ा हुआ है। आज भी डायन-बिसाही के नाम पर निरीह महिलाओं की हत्या हो रही है। अपनों के ही खून से हाथ ‘लाल’ हो रहे हैं। बिहार का पूर्णिया जिला ज्वलंत उदाहरण है, जहां पिछले माह एक ही परिवार के 5 लोगों को डायन के नाम पर जिंदा जला दिया था। सबों की मौत हो गयी। इसी अंधविश्वास को जड़ से खत्म करने के लिए बिहार के अभिनव ठाकुर ने बीड़ा उठाया है। उन्होंने ‘बिसाही’ फिल्म बनाकर समाज को जागरूक करने की सार्थक कोशिश की है। बता दें कि बिसाही अभिनव की पहली फिल्म नहीं है। इसके पहले वे सामाजिक मुद्दे पर ‘द लिपिस्टिक बॉय’ बना चुके हैं। उसमें अमिताभ बच्चन ने अपनी आवाज दी थी। फिल्म ‘द लिपिस्टिक बॉय’ बिहार के प्रसिद्ध ‘लौंडा नाच’ पर आधारित थी। हालांकि, उन्होंने 2019 में ‘ये सुहागरात इंपॉसिबल’ बनायी थी, लेकिन उन्हें नेम-फेम ‘द लिपिस्टिक बॉय’ से मिला। इस फिल्म के लिए अभिनव को 2023 में बिहार सरकार द्वारा सम्मानित किया गया था।