भाकपा ने स्वीकार किया महागठबंधन बिहार विस चुनाव में बिखरा रहा, दिल्ली इलेक्शन से भी नहीं सीखा

Mukhiyajee Report / Patna : भाकपा की ओर से शेखपुरा में राज्य परिषद की बैठक हुई। इस दो दिवसीय बैठक में 31 सदस्यीय राज्य कार्यकारिणी और 11 सदस्यीय राज्य सचिव मंडल का चुनाव सम्पन्न हुआ। मांझी सभागार में संपन्न हुई बैठक के अंतिम दिन 19 दिसंबर को शेखपुरा जिला के सचिव प्रभात कुमार पांडेय दूसरी बार राज्य कार्यकारिणी के सदस्य निर्वाचित हुए। वहीं, 11 सदस्यीय राज्य सचिव मंडल में राज्य सचिव रामनरेश पांडेय के अलावा जानकी पासवान, रामचंद्र महतो, प्रमोद प्रभाकर, अजय कुमार सिंह, रामलला सिंह, मिथिलेश कुमार झा, उषा सहनी, सुरेंद्र सौरभ और इरफान अहमद फातमी चुने गए। जबकि, राज्य सचिव मंडल के एक पद रिक्त रखा गया है।

बैठक में पार्टी का शताब्दी वर्ष समारोह 26 दिसंबर 2025 को पूरे राज्य में धूम धाम से मनाने का निर्णय लिया गया। शताब्दी समारोह पूरे बिहार में 26 दिसंबर 2025 से 26 जनवरी 2026 तक समारोह पूर्वक जिला, अंचल और शाखा स्तर पर मनाए जायेंगे। राज्य स्तरीय समारोह 02 जनवरी 2026 को पटना में पार्टी के पूर्व महासचिव कॉमरेड एबी बर्धन की स्मृति दिवस पर मनाने का निर्णय लिया गया। बैठक को संबोधित करते हुए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव डी राजा ने बिहार पार्टी को मजबूत करने और जन संघर्ष तेज करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि बिहार के चुनाव परिणाम से केंद्र की सत्ता में बैठी भाजपा की सरकार उत्साह में है। अगले साल पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु, असम सहित कई राज्यों में विधानसभा के चुनाव हैं। देश के 12 राज्यों में एसआईआर कराये गए हैं, लेकिन असम में नहीं कराया गया है। इससे साफ स्पष्ट हो रहा है कि केंद्र सरकार के इशारे पर चुनाव आयोग कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग केंद्र सरकार का कठपुतली बन कर रह गया है।

उन्होंने यह भी कहा कि फेक इन काउंटर कर माओवादी की हत्या कर रहा है। सरकार नक्सलवाद के नाम पर आदिवासियों की हत्या कर रही है। मोदी सरकार में दलित, आदिवासी, महिलाओं और अल्पसंख्यक पर हमले बढ़े हैं। सरकार सभी मोर्चे पर विफल साबित हुई है। मजूबत कम्युनिस्ट पार्टी ही साम्प्रदायिक ताकतों का मुकाबला कर सकती है, इसलिए बिहार में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी को फिर से मजबूत करने की जरूरत है। बैठक को राष्ट्रीय सचिव गिरीश चंद्र शर्मा, राष्ट्रीय सचिव रामकृष्ण पांडा और एनी राजा, शेखपुरा जिला सचिव प्रभात कुमार पांडेय आदि नेता ने संबोधित किया। बैठक की अध्यक्षता नागेन्द्रनाथ ओझा, रामरतन सिंह और सुरेंद्र सौरभ की अध्यक्ष मंडली ने की।

बता दें कि इसके पहले 18 दिसंबर को भी भाकपा के राष्ट्रीय महासचिव डी राजा ने कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की हुई हार पर कहा कि सत्ताधारी एनडीए ने धन बल और सरकारी मिशनरी का उपयोग कर चुनाव जीता है। चुनाव आयोग ने भी केंद्र सरकार के इशारे पर कार्य किया और एनडीए को जिताने में बड़ी भूमिका का निर्वहन किया। बिहार चुनाव से पहले गहन मतदाता सूची पुनरीक्षण (एसआईआर) कराये गए और 65 लाख मतदाताओं के नाम काट दिए गए। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि बिहार में भी इंडिया ब्लॉक में सीट शेयरिंग बड़ी समस्या रही। उसने कांग्रेस हरियाणा, महाराष्ट्र और दिल्ली के चुनाव से भी सबक नहीं लिया। कांग्रेस ने हमारी बछवाड़ा सीट पर उम्मीदवार दे दिया। उन्होंने कहा कि एनडीए जहां पूरी तरह एकजुट था, जबकि महागठबंधन में बिखरा रहा। भाकपा राज्य सचिव रामनरेश पाण्डेय ने बैठक का एजेंडा पेश किया।