राजनीति के झोलाछाप सलाहकार पीके चले नेता बनने, बिहार चुनाव के लिए अपना रहे तरह-तरह के हथकंडे

Mukhiyajee l Patna : खुद को राजनीतिक रणनीतिकार बताने वाले प्रशांत किशोर इन दिनों सुर्खियों में हैं। भाजपा और जदयू के कुछ बड़े नेताओं को टार्गेट करके आरोप लगा रहे हैं। इनमें उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिलीप जायसवाल, मंत्री मंगल पांडेय, डॉ संजय जायसवाल और मंत्री अशोक चौधरी शामिल हैं। इनमें केवल अशोक चौधरी जदयू के हैं, बाकी चारों भाजपा के हैं। खास बात कि इनमें केवल मंगल पांडेय सवर्ण जाति से आते हैं, बाकी चारों ‘सामाजिक न्याय’ वाले हैं। हालांकि, संजय जायसवाल ने प्रशांत किशोर न केवल बिंदुवार जवाब दिया है, बल्कि उन्होंने उन पर शराबबंदी को लेकर उन्हें घेरा भी है। वहीं, अशोक चौधरी ने 100 करोड़ का मानहानि का नोटिस भेजा है। इन सबसे अलग वरीय पत्रकार और सामाजिक चिंतक विवेकानंद सिंह कुशवाहा ने प्रशांत किशोर को न केवल घेरा है, बल्कि उन्हें ‘झोलाछाप सलाहकार’ बताया है। उनका सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से लिया गया लेख यहां अक्षरशः प्रकाशित किया गया है। इसमें लेखक के निजी विचार है…

सामाजिक चिंतक विवेकानंद कुशवाहा ने लिखा है – ‘प्रशांत किशोर एक इंटरव्यू में बोल रहा है कि जैसे डॉक्टर चिकित्सकीय सलाह के लिए फीस लेता है, वैसे ही वह राजनीतिक सलाह के लिए फीस लेता था। डॉक्टरों के लिए MBBS होना अनिवार्य है। प्रशांत को बताना चाहिए कि इसके पास पॉलिटिकल डॉक्टरेट की डिग्री है या यह झोलाछाप राजनीतिक सलाहकार रहा है? क्योंकि इसने जिसको-जिसको सलाह दी, उससे इसकी लंबे समय तक बनी नहीं। जिससे बन रही है, वह सत्ता से बाहर होते जा रहे हैं। अब यह खुद झोलाछाप से सीधे पॉलिटिकल मेडिकल एसोसिएशन का प्रमुख बनना चाह रहा है। दरअसल, प्रशांत किशोर बिहार के दूसरे स्थापित नेताओं की छवि को खराब करने के तमाम हथकंडे अपना रहा है। इसके लिए यह ऑडियो विजुअल मीडिया को भरपूर ‘चॉकलेट’ भी खिलाता है। वहीं, जब इससे कोई पत्रकार सवाल कर दे, तो तुरंत झुंझलाने लगता है। उसको या तो राजद का मीडिया या संघी मीडिया बोलता है।’

वे आगे लिखते हैं- बेतिया सांसद संजय जायसवाल ने इससे सवाल पूछा कि दारू कंपनी से चंदा ले रहे हो या नहीं? घाटे वाली कंपनियों ने तुम्हारे दल को करोड़ों में चंदा कैसे/क्यों दिया है? शरत कुमार मिश्रा के द्वारा दिल्ली में बनायी गयी जनसुराज पार्टी में और पटना में बनायी गयी जनसुराज पार्टी में क्या संबंध है? इसके जवाब में चार बार के सांसद को यह टूँटपुंजिया नेता बता देता है। प्रशांत ने तेजस्वी, सम्राट जैसे तमाम नेताओं की डिग्री पर प्रवचन दिये। बिहार के 1250 राजनीतिक परिवारों को बुरा-भला कहा। बाद में उसी 1250 राजनीतिक परिवार के 12वीं पास नेता को अपनी पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया। दरअसल, प्रशांत ने देश भर के तिकड़मबाज नेताओं के साथ काम करके यह सीख लिया कि खुद को डॉक्यूमेंट से दूर रखो। यह ‘जन सुराज’ पार्टी भी दूसरे के कांधे पर बंदूक रख कर बनायी गयी है। बस इससे फायर प्रशांत करता है।’ ‘यह खुद किस पद पर है जन सुराज में? इसको जन सुराज का सूत्रधार बोला जाता है। यह सूत्रधार पद के राजनीतिक दल के संविधान में क्या भूमिका होती है? असल में यह मैदान के बाहर बैठ कर पॉलिटिकल क्रिकेट खेल रहा है, इसलिए फंडिंग पर सवाल होने पर यह जोर से बोलता है कि जांच करवा लो, क्योंकि अधिकारिक रूप से यह जन सुराज में कहीं है ही नहीं। तो फिर…?