पारु के नवनिर्वाचित विधायक शंकर यादव का प्रेरणा आईएएस कोचिंग संस्थान में हुआ स्वागत

Mukhiyajee / Patna : बिहार के पारु विधानसभा क्षेत्र से राजद के नवनिर्वाचित विधायक शंकर यादव का पटना में प्रेरणा आईएएस कोचिंग संस्थान ने स्वागत और सम्मान किया। माला पहनाकर अभिनंदन करते हुए संस्थान के निदेशक विश्वनाथ कुमार उर्फ लालटुन यादव ने कहा कि शंकर यादव की जीत ने साबित किया है कि जनता के बीच रह कर सामाजिक व जनसरोकार के मुद्दों पर दिन-रात संघर्ष करने वाले नेता को देर से ही सही, लेकिन सफलता जरूर मिलती है।

शंकर प्रसाद यादव पहली बार 2015 में राजद के टिकट पर चुनाव लड़े थे। 60 हजार से अधिक वोट लाकर मामूली अंतर से हार गये थे। वहीं ल2020 के चुनाव में कुछ तिकड़मी नेताओं ने पारू की सीट कांग्रेस के खाते में डाल दी, जिससे इन्हें निर्दलीय के रूप में मैदान में उतरना पड़ा। जनता ने इन्हें खुलकर साथ दिया। हालांकि, इन्हें सफलता नहीं मिली, लेकिन महागठबंधन के उस फैसले को जनता ने वोट की चोट से नकार दिया। 2020 में शंकर यादव ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर 63 हजार से अधिक वोट हासिल कर पूरे बिहार में कीर्तिमान बनाया, लेकिन 14 हजार वोटों के अंतर से चुनाव हार गये। तिकड़म से टिकट झटकने वाले कांग्रेसी उम्मीदवार को मात्र 13 हजार वोट मिला।

राजद ने शंकर यादव की लोकप्रियता का सम्मान करते हुए 2025 के चुनाव में उन्हें फिर से उम्मीदवार बनाया। इस बार त्रिकोणीय मुकाबले में उन्होंने 95272 वोट हासिल किया। उन्हें 28827 वोटों के अंतर से निर्णायक जीत मिली। उन्होंने एनडीए से रालोमो प्रत्याशी मदन चौधरी और भाजपा के निवर्तमान विधायक निर्दलीय उम्मीदवार अशोक सिंह को परास्त किया। बता दें कि पारू विधानसभा क्षेत्र से शंकर यादव के चाचा मिथिलेश यादव 1995, 2000 और 2005 (फरवरी में) में विधायक चुने गये थे, लेकिन 2005 के अक्टूबर में वह सीट भाजपा के कब्जे में चली गयी थी। तब भाजपा को मुजफ्फरपुर जिला में पहली और अकेली जीत पारू क्षेत्र में मिली थी। 2025 के चुनाव में जब मुजफ्फरपुर की 11 में से 10 सीटें एनडीए के खाते में चली गयी, तब शंकर प्रसाद यादव ने पारू में राजद का झंडा बुलंद किया।

पटना के प्रेरणा आईएएस कोचिंग संस्थान में आयोजित स्वागत सह सम्मान समारोह की अध्यक्षता करते हुए निदेशक लालटून यादव ने कहा कि राजद की यह जीत केवल पार्टी की जीत नहीं है। यह एक जमीनी नेता और पारू क्षेत्र के जुझारू दलितों, पिछड़ों, अतिपिछड़ों और पसमांदा बिरादरी की भी जीत है। इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार हेमंत कुमार, शंभु सिंह, वेद प्रकाश, संजीव चंदन, सन्नी यादव समेत कई बहुजन बुद्धिजीवी मौजूद थे।