PATNA (MR) : पटना के कंकड़बाग में श्री साईं शिव कृपा मंदिर न्यास समिति की ओर से श्री साईं शिव कृपा मंदिर में श्री साईं बाबा की प्रतिमा के प्राण प्रतिष्ठा के चौबीसवें वार्षिकोत्सव पर आज दूसरे दिन विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। त्रिदिवसीय समारोह के दूसरे आज देर शाम तक 40 हजार से अधिक लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। गुरुवार होने की वजह से मंदिर में बाबा के दर्शन के लिए भक्त उमड़ पड़े। कल शुक्रवार को भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा। साथ ही मंदिर की ओर से प्रकाशित स्मारिका का विमोचन किया जाएगा। इस स्मारिका का संपादन मधुप मणि पिक्कू ने किया है।
श्री साईं मंदिर के समीप पार्क में आयोजित भंडारा में आज सुबह से प्रसाद के लिए लोगों की भीड़ उमड़ रही थी। इसमें कई विशिष्ट अतिथि साईं दरबार में शामिल हुए। भंडारे में पूरी सब्जी एवं बुंदिया की व्यवस्था की गयी थी। भंडारे में दर्जनों मुख्य कारीगरों के अलावा करीब 150 सहायकों के द्वारा प्रसाद बनवाने की व्यवस्था की गयी थी। करीब 50 से अधिक साईं सेवादारों ने प्रसाद बांटने का काम किया। मान्यता है कि श्री साईं के दरबार में कभी भी किसी के लिए भोजन की कमी नहीं होती है। उनके दरबार से कोई भी भक्त खाली नहीं जाता है।
भंडारा में विशेष रूप से उपस्थित पटना नगर निगम की महापौर सीता साहू, उप महापौर रेशमी चंद्रवंशी ने सभी साईं भक्तों को 24वें स्थापना दिवस पर शुभकामना दी। वहीं श्री साईं शिव कृपा मंदिर न्यास समिति के अध्यक्ष पटना उच्च न्यायलय के अवकाश प्राप्त न्यायमूर्ति राधामोहन प्रसाद ने कहा कि कंकडबाग स्थित यह साईं मंदिर भक्ति भाव का केंद्र है। यह मंदिर अपने पिछले दो दशक के इतिहास का गवाह बना है। इतनी बड़ी संख्या में भंडारे में लोगों की भागीदारी और बेहतरीन व्यवस्था के लिए न्यास समिति के सभी न्यासी बधाई के पात्र हैं।
न्यास समिति के सचिव राजेश कुमार डब्लू ने कहा कि आज श्री साईं बाबा की विशेष पूजा अर्चना के पश्चात विशाल भंडारा सह महाप्रसाद वितरण किया गया। इस कार्य में न्यासियों, साईं सेवादारो के सदस्यों एवं साईं भक्तों ने समर्पित भाव से सहयोग किया। इनमें न्यासी डॉक्टर चंचला कुमारी, रतन कुमार सिन्हा, कुमार नीरज, संजय रजक, मनोज कुमार के साथ ही सेवादार नवनीत विजय, चंद्रप्रकाश, सुमीत कुमार मिश्रा, अमित कुमार चौरसिया, मीडिया प्रभारी अतुल आनंद सन्नू, राजीव रंजन वर्मा, सौरभ जयपुरियार, मनमोहन कुमार पंकज, शैलेश कुमार बंटी, राजेंद्र सिंह प्रधान पुजारी विवेकानंद पाण्डेय आदि की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण रही।