Book Review : अब न अंगूठा छाप में 36 लघुकथाएं, सब एक से बढ़कर एक; अंतर्मन को छूता बिहार

PATNA (MR) : बिल्कुल ठेठ बिहारी बोली में लिखी गयी है लघुकथा संग्रह ‘अब न अंगूठा छाप’। पुस्तक समीक्षक रचना…