Deharadun (Uttarakhand)। कोरोना संकट ने पूरे देश के पहिया को रोक दिया है। मुखिया पर बड़ी जिम्मेवारी मिल गई है। हर जगह प्रवासी लौट रहे हैं। अपनी माटी में सकून पाने को वे दूसरे राज्यों से पैदल ही निकल पड़े और अपने घर को लौटे। स्पेशल व श्रमिक ट्रेनों को चलाया जा रहा है, जिससे उन्हें पहुंचने में प्रॉब्लम नहीं हो। ऐसे ही प्रवासी देहरादून में भी लौटे हैं। उन्हें क्वारंटाइन नियमों का पालन कराने के लिए विकास नगर ब्लॉक (प्रखंड) की लक्ष्मीपुर ग्राम पंचायत की प्रधान रूपा देवी पुरस्कार में एक-एक हजार रुपये अपनी ओर से दे रही हैं। इस पहल की हर ओर प्रशंसा हो रही है।
सभी प्रदेशों की हालत एक जैसी ही है। चाहे वह बिहार की बात हो अथवा झारखंड व उत्तर प्रदेश की। उत्तराखंड इनसे अलग नहीं है।
दरअसल, बिहार-यूपी और झारखंड की तरह उत्तराखंड के काफी संख्या में प्रवासी कामगार दूसरे प्रदेशों में रह रहे थे। लेकिन लॉकडाउन की वजह से सबके रोजी-रोजगार बंद हो गए। इससे वे बड़ी संख्या में प्रवासी उत्तराखंड लौट रहे हैं। लौटने के साथ ही सबों को क्वारंटाइन किया जा रहा है। इसकी जिम्मेवारी सरकार ने ग्राम प्रधानों को सौंपी है।
लेकिन, सभी प्रदेशों की हालत एक जैसी ही है। चाहे वह बिहार की बात हो अथवा झारखंड व उत्तर प्रदेश की। कई प्रवासी जानबुझकर क्वारंटाइन नियमों की अनदेखी कर इधर-उधर टहलने निकल जाते हैं। इससे गांव-पड़ोस के लोगों की परेशानी बढ़ जा रही है। इसी परेशानी को रोकने के लिए लक्ष्मीपुर पंचायत की प्रधान रूपा देवी ने अन्य प्रधानों के समक्ष मिसाल पेश की है।
प्रधान रूपा देवी ने घोषणा कर रखी है कि ग्राम पंचायत में क्वारंटाइन किए गए प्रवासियों को पंचायत की ओर से पुरस्कार में एक-एक हजार रुपये दिए जाएंगे।
प्रधान रूपा देवी ने घोषणा कर रखी है कि ग्राम पंचायत में क्वारंटाइन किए गए प्रवासियों को पंचायत की ओर से पुरस्कार में एक-एक हजार रुपये दिए जाएंगे। इसके लिए प्रवासियों को क्वारंटाइन नियमों का पूरी तरह पालन करना होगा। इसके अलावा क्वारंटाइन अवधि में प्रवासियों के खाने-ठहरने का इंतजाम भी ग्राम प्रधान की ओर से ही किया जाएगा।
इतना ही नहीं, रूपा देवी ने यह भी घोषणा की है कि क्वारंटाइन किए गए प्रवासियों के खाने-ठहरने की व्यवस्था वह अपने खर्चे पर करेंगी। उन्होंने क्वारंटाइन किए गए प्रवासियों से यह भी कहा है कि वे अपने, परिवार, समाज एवं राष्ट्र के हित में नियमों की अनदेखी न करें। तभी आप कोरोना का मुकाबला कर सकते हैं और जंग जीत सकते हैं।