पंच, सरपंच और उपसरपंच किसी दल, जाति और नेता के गुलाम नहीं : अमोद निराला

PATNA (MR) : पंचायती राज व्यवस्था का आधार स्तंभ है पंच परमेश्वर। इनका विरोध अपमान किसी भी राजनेता को भारी महंगा पड़ेगा। उक्त बातें पंच सरपंच संघ प्रदेश अध्यक्ष अमोद कुमार निराला ने आज गुरुवार को कही। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार का पंचायती राज विभाग ग्राम कचहरी और निर्वाचित प्रतिनिधिकर्मियों का कार्य बिंदास होकर करें।

अमोद कुमार निराला ने साफ लहजे में और चेतावनी देते हुए कहा कि पंच, सरपंच और उपसरपंच किसी दल, जाति और नेता के गुलाम नहीं हैं और न ही किसी दल के टिकट पर चुनाव जीतते हैं। जो हम लोगों का काम करेगा, हम सभी प्रतिनिधि अपने समर्थक व सहयोगियों सहित उनके साथ होंगे।

उन्होंने कहा कि पंचायत स्तरीय विकासात्मक कार्यों की समीक्षा, जांच, प्रहरी की नियुक्ति, मानदेय भत्ता की बढ़ोतरी, रक्षा, सुरक्षा, पुलिस-प्रशासन का सहयोग, वंशावली आदि मांगों की पूर्ति होता देख कुछ एक मुखिया संघ नेता तिलमिला गए हैं। मुख्यमंत्री, मंत्री,  प्रेस मीडिया के खिलाफ अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं और हड़ताल की धमकी दे रहे हैं। ठीक है जरुर हरताल कीजिए, यह लोकतांत्रिक अधिकार है।, पर‌ हड़ताल करने से पहले उपमुखिया को पंचायत का चार्ज दे दीजिए।

उन्होंने कहा कि पंचायती राज अधिनियम में यह प्रावधान है कि कहीं जाने से पहले वे अविलंब उप मुखिया को चार्ज दें, ताकि जनता को कोई दिक्कत न हो। उन्होंने कहा कि संघ की मांग है कि प्रस्तावित व घोषित लंबित सभी 11 सूत्री मांग सरकार पूरा करे। अन्यथा, गांधी जयंती के मौके पर 2 अक्टूबर से वे सब चंपारण भितहरवा से न्याय यात्रा शुरू करेंगे। साथ ही सभी 38 जिलों में अलख जगाकर और एकजुट होकर वे सब सामूहिक इस्तीफा देने को बाध्य होंगे, जिसकी सारी जवाबदेही सरकार की होगी।

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