Bihar : पेड़ हैं तो हम हैं; खगड़िया के सुभाषचंद्र से सीखिए, कैसे छत पर कर ली बागवानी

PATNA (MR) : प्रकृति से प्रेम मानव का नैसर्गिक गुण है। किसी-किसी में यह गुण कूट-कूट कर भरा होता है। इसके लिए वह कुछ भी कर लेता है। ऐसे ही व्यक्तित्व के धनी हैं बिहार के खगाड़िया निवासी सुभाषचंद्र साह। उन्हें पेड़-पौधों से इतना अधिक लगाव है कि घर की छत पर ही बागवानी कर ली। 

दरअसल, आज के दौर में लोगों के पास जमीन की कमी हो गयी है। आबादी बढ़ती जा रही है। लोगों के शौक भी बढ़ते जा रहे हैं। लेकिन जमीन उसकी तुलना में नहीं बढ़ने से लोग कई शौक को पाल नहीं सकते हैं। ऐसे ही शौक में शामिल है बागवानी। सुभाष के पास जमीन नहीं है, लेकिन बागवानी से जबरदस्त प्रेम है। प्रकृति से अत्यधिक लगाव है। फिर क्या, घर की छत पर ही असंख्य पेड़-पौधे उगा लिये। 

खगड़िया में सुभाषचंद्र साह को पैतृक घर में जगह नहीं मिली तो पहले उन्होंने सवा कट्ठा जमीन खरीदी, फिर उस पर मकान बनाकर उसकी छत पर बागवानी करने लगे। वे 1995 से बागवानी कर रहे हैं। उनकी छत पर 100 से अधिक पौधे हैं। छतों पर लगे खुशबूदार फूलों और औषधीय पौधों से उनका घर तो महकता ही है, पड़ोसी भी खुशबू का आनंद लेते हैं।

खगड़िया में एक प्रखंड है गोगरी। प्रखंड के नया टोला उसरी के रहने वाले सुभाषचंद्र साह। सारी व्यस्तताओं के बावजूद वे रोज 3 से 4 घंटे अपने बगान के लिए निकालते हैं। उन्होंने अपनी छत पर मिर्च, शहतूत, चीकू, नींबू, एलोबेरा, साइकस, अदरख, हल्दी समेत कई प्रकार के सब्जियों की खेती करते हैं। वे बताते हैं- ‘शौक को हमने कभी व्यवसाय नहीं बनाया। पिछले 25 साल से बागवानी कर रहे हैं। 3 वर्षों से तो लगातार लोगों को पेड़-पौधे फ्री में गिफ्ट कर हरियाली के लिए प्रेरित भी कर रहे हैं। वे मंदिरों में भी पेड़-पौधे फ्री में देते हैं। पौधरोपण को बढ़ावा दे रहे हैं।’

सुभाषचन्द्र साह कहते हैं- ‘पेड़-पौधा लगाना पर्यावरण संरक्षण के लिए बहुत जरूरी है। जरूरी नहीं है कि इसके लिए जमीन उपलब्ध हो। लोग अगर चाह लें तो इस जुनून को छोटी-सी जगह में भी पूरा किया जा सकता। मेरे बगान को देखने के लिए जिले के दूरदराज से लोग पहुंच रहे हैं। यह सब देख मेरे दिल को सुकून मिलती है।’

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