PATNA (MR)। कोरोना संकट के बीच देश भर से प्रवासी कामगारों का बिहार लौटना बदस्तूर जारी है। एक अनुमान के अनुसार लगभग आठ लाख कामगार आ चुके हैं। और 9 से 10 लाख कामगारों के आने की उम्मीद है। गांवों में मॉनीटरिंग से लेकर साबुन, मास्क व सेनेटाइजर से लेकर भोजन तक की जिम्मेवारी सरकार ने पचायतों के मुखियाओं को दी है। इसी कड़ी अब नीतीश सरकार ने लौटने वाले सभी प्रवासी कामगारों के डाटा बनाने का आदेश दिया है।

श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि प्रवासी मजदूरों का पूरा डिटेल्स पंचायत, प्रखंड एवं जिला स्तर पर तैयार होगा। इसमें यह देखा जाएगा कि किस-किस जगह पर कौन-कौन कामगार किस काम में पारंगत या प्रशिक्षित हैं। इस आंकड़ा से उन्हें स्वरोजगार या फिर नये रोजगार के अवसर उपलब्ध कराया जाएगा।

गांवों में मॉनीटरिंग से लेकर साबुन, मास्क व सेनेटाइजर से लेकर भोजन तक की जिम्मेवारी सरकार ने पचायतों के मुखियाओं को दी है।

श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा की मानें तो हमारी प्राथमिकता असंगठित क्षेत्र से संगठित क्षेत्र में मजदूरों को लाने की भी है। उन्होंने कहा कि एक बार कामगारों को पूरा ब्यौरा हासिल हो गया तो जरूरत पडऩे पर उनके हुनर को बेहतर करने के लिए विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

इतना ही नहीं, क्वारंटाइन सेंटर पर प्रवासी श्रमिकों का निबंधन कराने का आदेश भी मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने शनिवार को दिया है। डाटा बन जाने से कामगारों को लेबर डिपार्टमेंट के प्रावधान के अनुसार, श्रमिक कल्याण योजनाओं (दुर्घटना बीमा, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा, प्रधामंत्री श्रमयोगी मानधन योजना) के लाभ से जोड़ा जा सकेगा। इस संबंध में विभाग ने सभी जिला श्रम अधीक्षकों को आवश्यक निर्देश दिया है। केंद्रीय कौशल विकास मंत्रालय की ओर से भी बिहार में आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया है।

केंद्रीय कौशल विकास मंत्रालय की ओर से भी बिहार में आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया है।

केंद्र ने जिला स्तर तक कामगारों का डाटा तैयार करने में ग्रामीण विकास विभाग की मदद लेने को कहा है। इस डाटा के आधार पर ही प्रवासी कामगारों को बिहार में जॉब उपलब्ध कराया जाएगा। खास बात कि यदि कामगार चाहें तो अपने घर के पास ही अपने हुनर के अनुसार कोई काम-धंधा शुरू कर सकते हैं, जरूरत पड़ी तो उन्हें भी आर्थिक मदद दी जाएगी। बता दें कि कोरोना को लेकर मुखिया को बड़ी जिम्मेवारी दी गई है।

Previous articleकोरोना संकट: बिहार में ज्यादा सुरक्षित हैं ग्राम पंचायतें, दो माह में संक्रमितों की संख्या हुई 2394
Next articleबिहार में जीविका दीदियों ने बनाए 30 लाख मास्क, घर-घर बांटेंगे मुखिया व वार्ड मेंबर

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here